कोलकाता। कोलकाता के सरकारी स्वामित्व वाले आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लगभग 40 वरिष्ठ डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने अपने कनिष्ठों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया, जो पिछले चार दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के दर्जनों वरिष्ठ डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने भी धमकी दी है कि अगर राज्य सरकार ने अगले 24 घंटों में उनकी मांगें नहीं मानीं तो अधिक से अधिक वरिष्ठ डॉक्टर इस्तीफा दे देंगे।
आरजी कार के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अपना नोटिस देने के बाद कहा कि हम अपने कनिष्ठों को सड़कों पर मरने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। उन्होंने उन जूनियर डॉक्टरों का उल्लेख किया जो एस्प्लेनेड में डोरिना क्रॉसिंग पर शनिवार से अनशन पर बैठे हुए हैं।
अपने इस्तीफे के नोटिस में, वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने प्रदर्शनकारी कनिष्ठों की तेजी से बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों के साथ या सरकारी स्वामित्व वाले अस्पतालों के अधिक से अधिक वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ तुरंत बातचीत करे, क्योंकि राज्य में संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली खतरे में पड़ सकता है।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने दावा किया कि अगर सरकार ने गतिरोध तोड़ने के लिए तुरंत कार्रवाई नहीं की तो अनशनरत जूनियर डॉक्टरों की तबीयत और बिगड़ सकती है। वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि ये लड़के केवल पानी पी रहे हैं और कुछ नहीं ले रहे हैं क्योंकि वे 10 सूत्री मांगों के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में सुचिता लाने के लिए दृढ़ हैं।
जूनियर डॉक्टर किंजल नंदा ने अपने वरिष्ठों के सामूहिक इस्तीफा देने के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इससे उनके आंदोलन को नई गति मिली है। वरिष्ठ चिकित्सकों ने स्वास्थ्य भवन में वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने इस्तीफे को लेकर पत्र भेजे। पत्र में कहा गया है कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के साथ तुरंत सुलह करे।
त्यागपत्र में यह भी कहा गया है कि हम आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर हैं और सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि ऐसा लगता है कि सरकार भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की बिगड़ती स्थिति से बेखबर है और अगर आवश्यक हुआ तो हम व्यक्तिगत इस्तीफा भी देंगे।