चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के कई नेताओं ने दिया इस्तीफा

पटना। लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-रामविलास) के कई नोताओं ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

लोजपा-रामविलास के प्रदेश संगठन सचिव ई रविंद्र सिंह, पूर्व मंत्री, पूर्व लोकसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, पूर्व विधायक एवं राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, मुख्य विस्तारक अजय कुशवाहा समेत कई नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

इन नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान पर लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बेचने का आरोप भी लगाया और कहा कि जब उनके परिवार से लेकर पार्टी और सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी ने आपका साथ छोड़ दिया था, तब हम लोगों जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने खून-पसीने से इस पार्टी को सींचा। हमने चिराग पासवान के विजन पर भरोसा कर दिन-रात अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम किया।

नेताओं ने कहा कि पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं की ही मेहनत का फल था कि राजग को सीटों के तालमेल के तहत लोजपा (आर) को पांच लोकसभा सीट देने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन, टिकट वितरण में जिस तरह से पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं, उनकी मेहनत को रौंद दिया गया, वह हतप्रभ कर देने वाला है।

पार्टी के किसी कार्यकर्ता को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। 12 जून 2021 को हमारी पार्टी को तोड़ने में सबसे अहम भूमिका सांसद वीणा देवी ने निभाई थी। सर्वज्ञात है कि पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में जिन पांच सांसदों ने पार्टी को तोड़ा था, उनकी सारी बैठक वीणा देवी के आवास पर होती थी।

ई रविंद्र सिंह ने कहा कि वीणा देवी ने 12 जून 2021 को पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान के ही खिलाफ कैसी आपत्तिजनक बयानबाजी की थी। वे तब कह रही थी कि चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव में टिकट बेचा था। सांसद वीणा देवी ने रामविलास पासवान के निधन को लेकर भी काफी अमर्यादित टिप्पणियां की थी।

लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दो दिन पहले तक चिराग खुद कह रहे थे कि गद्दारों को टिकट नहीं दिया जाएगा लेकिन उन्होंने ही न सिर्फ वीणा देवी को पार्टी का टिकट दिया बल्कि मीडिया में आकर उन्हें टिकट से पुरस्कृत करने को सही फैसला बताया। पासवान के इस निर्णय ने हमलोगों को स्तब्ध कर दिया है।

उन्होंने कहा कि समस्तीपुर और खगड़िया में भी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को रौंद दिया गया। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी सांभवी चौधरी लोजपा (रामविलास) की प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं। उनके पिता लगातार पिछले चार साल से आपके खिलाफ निचले स्तर की बयानबाजी करते आए हैं। इन तमाम बातों को दरकिनार कर शांभवी चौधरी को समस्तीपुर से पार्टी का टिकट दे दिया गया।

खगड़िया से पार्टी का टिकट देने में भी ऐसा ही किया गया। राजेश वर्मा किसी दौर में लोजपा (रा) के भागलपुर जिलाध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन जब उनसे पार्टी का काम करने को कहा गया तो उन्होंने पद छोड़ दिया था। ऐसे व्यक्ति को खगड़िया से लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया गया।

पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ने कहा कि आज पूरे बिहार में चर्चा आम है कि लोजपा (रामविलास) ने सारे लोकसभा टिकट बेच दिए हैं। लोगों के बीच चर्चा है कि वैशाली लोकसभा सीट पर 40 करोड़ रूपये लेकर वीणा देवी को टिकट दिया गया है। वहीं, खगडिया में 23 करोड़ रूपए लेकर राजेश वर्मा को टिकट दिया गया है। समस्तीपुर में 20 करोड़ रूपये लेकर टिकट बेचे जाने की चर्चा है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्रेंड चल रहा है- पैसा फर्स्ट-परिवार फर्स्ट। ऐसे तमाम मुद्दों पर हो रही पार्टी की भारी फजीहत के बाद पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री रवींद्र कुमार सिंह ने दो दिन पहले ही आपको पत्र लिखा था। उसमें चिराग पासवान से दिशा निर्देश मांगा गया था कि कैसे क्षुब्ध और आक्रोशित कार्यकर्ताओं के साथ साथ आम लोगों को जवाब दिया जाए। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसी स्थिति में हमलोगों का मानना है कि लोजपा (रामविलास) में वही व्यक्ति रह सकता है, जिसके पास पैसा हो और उस पैसे के दम पर टिकट खरीदने की क्षमता हो। इसलिए हमलोग लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।