आनासागर किनारे बने सेवन वंडर्स पार्क को तोड़ने की कार्रवाई शुरू

अजमेर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर झील के किनारे बने सेवन वंडर्स पार्क को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस पार्क को झील के वेटलैंड क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन के लिए खतरा बताया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नियमों के उल्लंघन के कारण इसे हटाने के सख्त निर्देश दिए थे।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी को मुख्य सचिव को एफिडेविट पेश करने का निर्देश दिया था। इस संबंध में सीएस को 11 मार्च को एफिडेविट देना होगा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होना पड़ेगा।

इससे पहले सोमवार को पार्क को पूरी तरह बंद कर मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया गया। पार्क बंद होने से पर्यटक मायूस होकर लौट गए। शाम करीब 6 बजे जेसीबी मशीन से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी।

एनजीटी ने कहा कि यह पार्क आनासागर झील के वेटलैंड क्षेत्र में स्थित है और इससे पारिस्थितिकीय संतुलन को नुकसान हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भले ही निर्माण सुंदर हो, लेकिन अगर यह नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया है तो इसे हटाना होगा।

अब 11 मार्च को मुख्य सचिव के एफिडेविट के बाद इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई को तेज कर दिया है।

यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

सेवन वंडर्स को हटाने की कार्रवाई शुरू होते ही यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जनता के पैसे की बर्बादी के लिए तत्कालीन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मोहित मल्होत्रा ने मांग की कि सेवन वंडर्स के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से जनता के पैसे की बर्बादी की राशि वसूल की जाए।