राजगढ धाम पर शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव सम्पन्न

अखण्ड ज्योति का विधिवत समापन
अजमेर। श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर चल रहे शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के दौरान बीते दस दिनों तक प्रज्जवलित रहने वाली अखण्ड़ ज्योति का शनिवार सुबह विधिवत समापन किया गया

बाबा भैरव व मां कालिका के जयघोष के साथ मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की पूजा-अर्चना कर बाबा भैरव व मां कालिका की आरती की। महाराज ने परिवार सहित सातों बहना माता रानी को प्रसाद का भोग लगाया।

धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि नवरात्र के दौरान समूचे मंदिर परिसर को फूलो व रंग बिरंगी रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया गया। धाम परिसर इत्र की खुशबू की तरह महकता रहा। गुलाबी और दूधिया रोशनी से राजगढ धाम जगमगाता रहा।

चम्पालाल महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। जो भी भक्त सच्ची आस्था के साथ धाम पर आता है वह अवश्य ही कुछ ना कुछ पाकर जाता है। उन्होंने श्रद्धालुओ से नशे को त्याग करने व अधिक से अधिक रक्तदान करने का आहवान करते हुए कहा कि आपका रक्तदान किसी को जीवनदान दे सकता है।

महाराज ने शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव दस दिनों तक चली अखण्ड़ ज्योति का विधिवत समापन किया गया। धाम पर आए श्रद्वालुओं को बाबा भैरव ने अपने कर कमलों से दशम तक प्रज्जवलित रही अखण्ड ज्योति की विशेष रामबाण औषधि रूपी चिमटी (भभूत) का वितरण किया। धाम पर यह अखण्ड़ ज्योति निरन्तर 24 घण्टे लगातार 9 दिनो तक प्रज्जवलित रही। अखण्ड़ ज्योति की विशेषता यह है कि जिस पात्र में इसको प्रज्जवलित किया जाता है उसमें हजारों नारियल की चिटक, कई पीपे तेल व धूप हवन सामग्री ड़ालने पर भी पात्र कभी भरता नहीं है। अखण्ड ज्योति के दर्शन मात्र से ही श्रद्वालुओं के रोग, कष्ट, बाधाएं आदि दूर हो जाती हैं।

धाम पर आए श्रद्वालुओं ने सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की विशेष परिक्रमा कर बाबा भैरव से अपनी मन्नत मांगी। नवमी की रात्रि अजमेर की भजन गायिका ज्योति सैनी व ममता सोनी ने अपनी मधुर आवाज में अंगना पधारो महाराणी म्हारी कालका भवानी, राजगढ़ भैरूजी थारो देवरो रे, हेला पे हेलो देउ म्हारी मां, भैरू जी नाना रे नाना, दरबार है निराला काली के लाल का, अब तो आजा रे भैरू जी, मैया रानी तो छिप रही पहाड़ा में, आजा ये भवानी, राजगढ में लाग्यो दरबार, झीणी झीणी उडे रे गुलाल आदि भजन गाए तो मंत्रमुग्ध होकर भक्त झूम-झूम कर नाचने लगे।

मातामंगरी व राजगढ़ गांव की और से चढा झंड़ा

राजगढ़ धाम पर शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह से पूर्व नवमी की रात्रि में निकटवृति गांव मातामंगरी और राजगढ़़ ग्रामवासियों की और से प्रेम सिंह गौड़ के नेतृत्व में बाबा भैरव नाथ व मां कालिका के झंड़ा चढाया गया। राजगढ़ गांव के सदर बाजार से ग्रामीणों ने ढोल ढमाको पर नाचते गाते झुमते हुए चक्की वाले बाबा के मंदिर पर धोक लगाई फिर वही से जुलूस के रूप में सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ पर चल रही अखण्ड़ ज्योति स्थल पर पहुंचे।

श्याम सेन, कमल शर्मा, गणपत सिंह, रामलाल, सलीम, कुलदीप, बलराम, पांचू माली, हरी माली, सदानन्द विश्वास, नारायण मोर्य, रामदेव माली, मोनू गुर्जर, भाचन्द माली आदि राजगढ़़ ग्रामवासियों की और से मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज का साफा बांधकर व शॉल ओढाकर स्वागत किया गया।

शारदीय नवरात्रा मेले के दौरान व्यवस्था संभालने में व्यवस्थापक ओमप्रकाश सैन, रमेश चन्द सेन, अविनाश सैन, यश, प्रकाश रांका, राहुल सैन के साथ, राजू चावड़ा, कमल शर्मा, दीपक बसीटा, राजकुमार त्रिपाठी, उज्जवल राठौड, मनोहर सिंह, धर्मेन्द्र, सुरेश दायमा, तिलोक जटिया, विजय सिंह रावत, महेन्द्र रावत, रामसिंह बाबल, मोहन छीपा, कैलाश सेन, श्रवण रावत, चेतन आनन्द, शंकरनाथ, पदमचन्द जैन, सुरेश गुर्जर, बाबू भाई, सुरेश काकाणी, रामप्रसाद मोर्य, अजीत चौधरी, हंसराज भडाणा, अमिताभ, भूपेन्द्र, मनीष, कन्हेयालाल, देवानन्द, रामलाल, अजय, विनय, ओम माली, अमिताभ, लक्ष्मीनारायण आदि का विशेष योगदान रहा।