शेख हसीना ने की हिंदू साधु चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा

ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को इस्कॉन बंगलादेश के पूर्व साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी की निंदा की।

अपने निष्कासन के बाद वर्तमान में भारत में रह रहीं हसीना ने यह भी कहा कि चिन्मय, जिन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

टीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार हसीना ने आज अवामी लीग के एक्स अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि सनातन धार्मिक समुदाय के एक शीर्ष नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

बयान में कहा गया कि चट्टोग्राम में एक वकील की हत्या कर दी गई है और हम इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। इस हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें तुरंत न्याय के कटघरे में लाना चाहिए।

बयान में कहा गया कि अगर असंवैधानिक यूनुस सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करने में विफल रहती है, तो उसे भी मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

हसीना ने बयान में कहा कि मैं देश के लोगों से ऐसे आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करती हूं, क्योंकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। शेख हसीना ने अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्याओं, उत्पीड़न और गिरफ्तारी की भी निंदा की।

इससे पहले मंगलवार (26 नवंबर) को चट्टोग्राम अदालत द्वारा देशद्रोह के मामले में जमानत देने से इनकार करने के बाद पुलिस, वकीलों और पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों के बीच झड़प हुई जिसमें वकील सैफुल इस्लाम की मौत हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अज्ञात लोगों ने सैफुल को अदालत भवन के भूतल पर पीटा और उनकी हत्या कर दी गई। अशांति तब भड़क उठी जब चिन्मय के हजारों अनुयायी अदालत परिसर में एकत्रित हो गए और उन्हें ले जा रही जेल वैन को रोक दिया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई।

उल्लेखनीय है कि 25 नवंबर को चिन्मय को चट्टोग्राम में बंगलादेश सनातन जागरण मंच द्वारा आयोजित एक रैली में देश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराकर उसका अपमान करने के आरोप में देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था।