शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली से शुरु हुआ मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिमला के संजौली के बाद अब सुन्नी में भी मस्जिद का विरोध हुआ है।
शनिवार को सुन्नी बाजार को अपराह्न एक बजे तक बंद रखा गया और रोष रैली निकाली गई। रैली में हैरानी भरा नजारा भी देखने को मिला क्योंकि यहां पर कुछ मुस्लिम युवक भी प्रदर्शन में शामिल हुए। इन युवकों ने हिंदूओं की मांगों का समर्थन किया और बाहरियों के प्रवेश का विरोध किया।
पुलिस ने रविवार को बताया कि संजौली इलाके में एक मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह यहां आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए विश्व हिंदू परिषद नेताओं, पूर्व पार्षदों और पंचायत प्रमुख समेत 50 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
गत 11 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, बैरिकेड तोड़ दिए और पथराव किया, जबकि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें कीं और लाठियां चलाईं। पुलिस और महिलाओं समेत करीब 10 लोग घायल हो गए।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन को भड़काने वाले लोगों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड एकत्र किए गए हैं और मामले दर्ज किए जाएंगे। अधिकारी ने कहाकि सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और फोटोग्राफ में लोगों के हाथ में पत्थर लिए हुए होने के सबूत हैं, जिन्हें ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर फेंका गया।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने अब तक जिन 50 लोगों की पहचान की है और आठ मामले दर्ज किए हैं उनमें विहिप के नेता, पंचायत प्रमुख और उनके प्रतिनिधि, पूर्व पार्षद तथा दुकानदारों के अलावा चौपाल एवं ठियोग के लोग शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (1) (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 196 (2) (पूजा स्थल पर अपराध), 189 (गैरकानूनी सभा), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 61 (2) (आपराधिक साजिश और हमला), 353 (2) (धर्म पर गलत जानकारी फैलाना), 223 (लोक सेवकों के आदेशों की अवहेलना करना, और 132 (लोक सेवक पर हमला करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसपी ने कहा कि यह शांति भंग करने के लिए एक पूर्व नियोजित विरोध था। सोशल मीडिया पर पूरी घटना को भड़काने वालों की पहचान कर ली गई है और उनके कृत्य और आचरण से पता चलता है कि वे अपराध में कैसे शामिल थे। एक वीडियो में, एक व्यक्ति को एक टेंपो पर खड़े होकर लोगों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा तोड़ने के लिए उकसाते हुए देखा गया था। हमें विरोध करने की अनुमति मांगने वाला कोई आवेदन नहीं मिला।
एसपी ने कहा कि दो पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें से एक की पीठ पर और दूसरे के सिर पर चोटें आई हैं, और इसके लिए दोषी लोगों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा। संजौली मस्जिद मुद्दे पर शिमला में तनाव के बीच, पिछले गुरुवार को एक मुस्लिम कल्याण समिति ने अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की पेशकश की, जबकि समुदाय के सदस्यों ने खुद मंडी में सरकारी जमीन पर एक मस्जिद की दीवार गिरा दी।
शिमला नगर आयुक्त भूपेंद्र सिंह को ज्ञापन देते हुए कल्याण समिति के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अत्री ने कहा कि इलाके में रहने वाले मुसलमान हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हैं और यह सद्भाव और भाईचारे को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। कल्याण समिति के सदस्य मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी ने कहा कि हमने संजौली में स्थित मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने के लिए शिमला नगर आयुक्त से अनुमति मांगी है।
मस्जिद में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने वाले देव भूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने इस कदम का स्वागत किया। समिति के सदस्य विजय शर्मा ने कहा कि हम मुस्लिम समुदाय के कदम का स्वागत करते हैं और व्यापक हित में यह पहल करने के लिए हम सबसे पहले उनका अभिवादन करेंगे।