अजमेर। जीवन में की गई भूलों को मिटाना अति आवश्यक है अन्यथा ये भूलें जीवन में नासूर बनकर दुख का पर्याय बनती है। यह बात कथावाचक हरि शरण महाराज ने मंगलवार को शास्त्री नगर स्थित भक्त पहलाद पार्क संख्या तीन में श्रीमद् भागवत कथा के अन्तर्गत चल रहे नानी बाई का मायरा प्रसंग के दौरान कही।
उन्होंने नरसिंह अवतार के बारे में प्रचलित कथा का वर्णन करते हुए बताया कि जूनागढ़ गुजरात में नरसिंह भगत थे जो कि विष्णु भगवान की अनन्य भक्ति और गायों की सेवा में लीन रहते थे। उनकी पुत्री नानी बाई भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं। नरसिंहजी की सबसे पसंदीदा राग केदार राग थी।
महाराज ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन काल में अनेकानेक भूले करता है। इन भूलों को याद रखना कष्टकारी होता है। भूले जीवन में दुख का पर्याय बन जाती है। अच्छा हो कि हम मन को ठाकुरजी की सेवा और स्तुति ने लगाएं। महाराज ने भी बताया कि खून पसीने से की गई कमाई ही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। अतः मनुष्य को सरल रहना चाहिए। सरल रहेंगे तो लक्ष्मी स्वत: आएगी। कथा के दौरान महाराज ने भजन मैं तो शिव शिव नाम जपु, कानुड़ा थारी बांसुरी व मन लाग्यो मेरा फकीरी में’ गाया तो सभी उपस्थित भक्तजन भाव विभोर होकर नाचने लगे।
कथा व्यवस्थापकों ने बताया कि हरि शरण महाराज श्री बद्रीनाथ धाम में 17 से 23 सितंबर 2024 भागवत कथा करेंगे। कथा यात्रा अवधि 14 से 25 सितंबर 2024 रहेगी। कथा में शामिल होने के लिए भक्तजनों को रजिस्ट्रेशन के फार्म दिए गए। कथा के दौरान अरुण माथुर, निर्मला पारीक, अशोक शर्मा, श्याम बिहारी व हनुमान प्रसाद छीपा ने व्यवस्था संभाली।
प्रवक्ता राजेश दाधीच ने बताया कि दिनांक 21 दिसंबर तक प्रभातफेरी के स्थान व समय में परिवर्तन किया गया है। बुधवार को हरि शरण महाराज सुबह 5 बजे प्रार्थना सभा करेंगे। उसके बाद प्रभातफेरी भक्त प्रह्लाद पार्क नं. 3 से ही शुरू की जाएगी। चुंगी चौकी, हरीनगर, दातानगर, शोपिंग सेंटर प्रथम होती हुई प्रभातफेरी पुन: कथा स्थल पहुंचेगी। प्रभातफेरी का समय लगभग सुबह 6.45 बजे महाराज की सुविधानुसार रहेगा।