श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मिलती है पितरों को शांति : महंत कैलाश शरण

भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा शुरू
अजमेर। हर साल की तरह गढ़वाल पैलेस में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुक्रवार को विशेष पूजा अर्चना के साथ शुरुआत हुई। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। कथा के प्रथम दिन की जजमान दिलीप गढ़वाल व किरण गढ़वाल ने षोडश मातृका नवग्रह सहित सभी देवी देवताओं व व्यासपीठ की पूजा की पूजा अर्चना की।

कथा के प्रथम दिन चारभुजा नाथ बड़ा मंदिर भीलावट के महंत कैलाश शरण वैष्णवाचार्य श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि यह ग्रंथ संसार का सार है। इसके श्रवण मात्र से मनुष्य ही नहीं बल्कि उनके पूर्वजों और पितरों को भी मुक्ति और शांति मिलती है। श्राद्ध पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा कराने से प्रेत आत्माओं को भी मुक्ति मिलती है। प्रेत आत्माओं के निमित्त कोई भी प्राणी कथा सुनता है और तर्पण करता है। उसके नाम से विप्रो को भोजन कराता है। दान पुण्य करता है तो उस प्रेत आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। उसकी आत्मा को शांति मिलती है।

कथावाचक महंत ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा से जीवन जीने की कला, ज्ञान विज्ञान, अध्याय और संसार क्या है इसके बारे में जानकारी मिलती है। मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जिससे परिवार समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाता है। श्रीमदभागवत भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, त्याग, सेवा, मान सम्मान, बड़ों का आदर, परिवार व समाज में रहते हुए प्रभु भक्ति और कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है।

कथा के दौरान महंत ने अनेक उदाहरणों के जरिए से संसार और जीव को अध्यात्म के बारे में बताया। इस दौरान भक्तिपूर्ण भजनों से कथा श्रवण करने को पांडाल में मौजूद भक्जनों को आनंदित कर दिया। कथा के पश्चात आरती में बडी संख्या में भक्जनों ने शिरकत की तथा प्रसाद प्राप्त किया।