अजमेर। भारत में हिंदू और हिंदू सभ्यता पुरातनकालीन है। विभिन्न तीर्थ स्थान पर जाने मनुष्य के मन व चित में धार्मिक और सात्विक भावना व प्रेरणा का भाव जागृत होता है साथ ही सेवा सदभाव की भावना भी जागृत होती है। मनुष्य को सेवा निस्वार्थ भाव, बिना किसी भेदभाव व बिना पक्षपात के करनी चाहिए। यह बात कथावाचक हरि शरण महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन कही।
महाराज ने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक मनुष्य भविष्य की चिंता से ग्रस्त होकर विभिन्न प्रकार की मानसिक व शारीरिक परेशानियों से ग्रस्त होता जा रहा है। महाराज ने कहा कि लोग सोचते हैं कल की चिंता भी करनी है, जबकि भरोसा आज का भी नहीं है। उन्होंने गीता प्रसंग में श्री कृष्णा जन्मोत्सव का वर्णन कर श्रोताओं को आनंद से विभोर कर दिया। भगवान श्री कृष्ण की अनुपम झांकी को भक्तों ने जी भरकर निहारा।
महाराज ने बताया कि मनुष्य निस्वार्थ भाव से सभी की सेवा करे तो भगवान सृष्टि की सेवा करने वाले भक्त से प्रसन्न होते हैं। दुखियों के दुखों का हरण करने से भगवान की प्राप्ति व ईश्वर के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त होती है। महाराज के भजनों राम जी को नाम माहने मिठो घणो लागे रे’ व ‘याद सतावे रे’ पर भक्तजन मंत्र मुग्ध होकर झूम उठे।
भागवत कथा में बडी संख्या में पधार कर धर्मप्रेमी धर्मलाभ उठा रहे हैं। शुक्रवार को भागवत कथा में लाडली घर के संस्थापक स्वामी कृष्णनंद जी महाराज का आशीर्वाद भी मिला। विभिन्न विशिष्ट अतिथि आनंद गोयल, केके गौड़, जेपी शर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आरके रोहिल्ला, भंवर प्रजापति, नेमी चंद, उमेश मेडतवाल, गोविन्द वर्मा समेत कई लोगों ने व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया। कथा के अंत में भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया।
अलसुबह निकली प्रभातफेरी
शुक्रवार अलसुुबह प्रभात फेरी से पूर्व गीता प्रवचन का लाभ भक्तजनो ने उठाया। प्रभातफेरी विभिन्न मार्गों से होती हुई कथा स्थल भगत प्रहलाद पार्क संख्या 3 पर पहुंची। प्रवक्ता राजेश दाधीच ने बताया कि शनिवार सुबह प्रभात फेरी 6:30 बजे चुंगी चौकी से पुलिस लाइन, कलेक्टर निवास, ममता मिष्ठान भंडार, शास्त्रीनगर मुख्य मार्ग से होते हुए कथा स्थल पहुुंचेगी।