अजमेर। कथावाचक हरि शरण महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण विभिन्न रूपों और लीलाओं के जरिए सहज रूप में भक्तों को संदेश दते हैं। कंस वध के जरिए पापाचार को नष्ट करना ठाकुरजी की लीला है। मथुरा से श्रीकृष्ण के प्रसंग में भक्त और भगवान के बीच आंतरिक प्रेम और एक दूसरे से बिछोह का बडे ही सुंदर तरीके से बताया गया है।
शास्त्रीनगर स्थित भक्त प्रहलाद पार्क संख्या तीन में 12 दिसंबर से चल रही श्रीमद भागवत के अंतिम दिन कथावाचक हरि शरण महाराज ने बताया कि ज़ब श्रीकृष्ण मथुरा से जाने लगे तो मईया यशोदा और मथुरा की सभी गोपियां उनके जाने के वियोग में दुखी हो गईं। सबने विभिन्न जतन करके ठाकुरजी को रोकने का प्रयास किया। भागवत कथा के इस प्रसंग के दौरान पांडाल में भक्तजनों की आंखे भी नम हो गईं। समूचा पंडाल मानो मथुरा बन गया। महाराज ने साथ साथ सभी ने एकस्वर में नंदलाला तेरी राह तके बृजबाला भजन पूरे मनोयोग से गाया।
रामचरित्र मानस सुन्दर कांड के हिंदी काव्य रूप का विमोचन
मोहन खंडेलवाल लिखत रामचरित्र मानस सुन्दर कांड के हिंदी काव्य रूप पुस्तक का हरि शरण महाराज ने विमोचन किया। इस अवसर पर आनद गोयल, नीरज जैन, सुरजीत, आनद प्रकाश, अशोक जोशी, पंडित श्री कृष्ण गोपाल व महेंद्र सिंह की उपस्तिथि रहे। प्रवक्ता राजेश दाधीच ने बताया की सोमवार रात्रि को हवन किया जाएगा जिसकी पूर्णहुति मंगलवार सुबह होगी। इसके बाद नानी बाई का मायरा का प्रसंग प्रारम्भ किया जाएगा।
मंगलवार को प्रभातफेरी का मार्ग
मंगलवार को प्रभातफेरी भक्त प्रह्लाद पार्क से आरंभ होगी। शोपिंग सेंटर प्रथम, अशोक जोशी वाली लेन, हाउसिंग बोर्ड कोलोनी, ईश्वर साहनी वाली लेन, शिवमंदिर प्रथम, ओमजी वाली लेन, ऊषाजी का मकान, शिव कोलोनी, गुरूद्वारा, चुंगी चौकी होती हुई कथास्थल पहुंचेगी।