अजमेर। सनातन संस्कृति का प्रतीक तुलसी पूजन व बाल मेला लगाकर भारतीय सिन्धु सभा की अजयनगर ईकाई ने प्रेरणादायी सेवा की है जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी। बाल मेले के जरिये सिन्धी व्यंजन, गीत व संगीत का ज्ञान के साथ संस्कार का यह कार्य ईकाई द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वामी स्वरूपदास ने कहे।
संयोजक रमेश वलीरामाणी ने बताया कि अजयनगर ईकाई की ओर से सिन्धी परिवार जागृति के पार्वती उद्यान में आयोजित मेले में बाल कलाकारों ने गीत प्रस्तुत किए। प्रिसांशी छंगाणी, ललिता राजाणी, दविश हरवाणी, हितेश खत्री, काव्या इदनाणी, नन्दणी छताणी, प्रियंका टीना, प्रियांशी लालवाणी, दिनकी रमेश बालाणी ग्रुप ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कवंलप्रकाश किशनानी ने कहा कि भगवान के दर्शन हम सीधे तो नहीं कर सकते परन्तु संतों के चरणों में हम ईश्वर का प्रतिबिंब देख सकते है। सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि बाल संस्कार शिविरों में तैयार विद्यार्थियों ने प्रस्तुतियां दी है और युवा व मातृ शक्ति ईकाईयों के सहयोग से सभी जगह कार्य किए जा रहे हैं। तुलसी पूजन का सनातन धर्म में बहुत उच्च माना जाता है।
श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया जिसमें निर्णायक सुनीता लख्याणी, सपना वलीरामाणी, जया छताणी, रूकमणी वतवाणी, सुनीता भागचंदाणी रही। मंच का संचालन रमेश बालाणी ने किया।
जयकिशन लख्याणी ने बताया कि मेले में सामूहिक तुलसी पूजन कर आरती की गई एवं संकल्प लिया गया कि घरों पर भी नियमित तुलसी पूजन किया जाए इससे घर में शांति, समृद्धि और धार्मिक उन्नति होती है।
अध्यक्ष रमेश लखाणी ने बताया कि मेले में दाल पकवान, भेल पूरी, छोला डबल, लाई, पकोडा चटणी, गुडिया बाल, झूले, लेमन टी के साथ हथ प्रसादी वितरित की गई एवं मनमोहक झूले लगाए गए।
स्वागत भाषण महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी ने दिया व आभार गुल छताणी ने प्रकट किया। शुभारंभ आराध्यदेव झूलेलाल पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। पूजन मुरली भगत ने किया। संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने आगामी 21 जनवरी को वीर बलिदानी हेमू कालाणी के 80वें बलिदान दिवस के कार्यक्रम आयोज्य की चर्चा की।
मेले में शंकर सबनाणी, नरेश टिलवाणी चन्द्रप्रकाश लखाणी, हरकिशन टेकचंदाणी, प्रकाश जेठरा, जयप्रकाश मंघाणी, राम केसवाणी, मनोज अगनाणी, वासदेव बच्चाणी, पार्षद रमेश चेलाणी, रश्मिी हिंगोराणी, घनश्याम ठारवाणी भगत, भगवान पुरसवाणी सहित अलग अलग सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।