सिरोही। राजस्थान के सिरोही जिले में देलदर तहसील की दुर्गम ग्राम पंचायतों की 6 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में अधिकांश द्वितीय श्रेणी अध्यापक एवं व्याख्याताओं के पद वर्षों से खाली हैं। आदिवासी क्षेत्र होने से द्वितीय श्रेणी के अध्यापक एवं व्याख्याता यहां की नियुक्ति को काले पानी की सजा मानते हैं।
आलम यह है कि दुर्गम आदिवासी सीनियर सेकेंडरी स्कूल उपला खेजड़ा, दोयतरा, जायदरा, जांबूडी, निचला गढ़ व उपला गढ़ में द्वितीय श्रेणी अध्यापकों एवं व्याख्याताओ के अधिकांश पद वर्षों से खाली चल रहे हैं। उपला खेजड़ा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में केवल पांचवीं तक पढ़ाने वाले थर्ड ग्रेड टीचरों से काम चलाया जा रहा है, प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य समेत द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के एवं व्याख्याताओं सभी पद खाली पडे हैं।
गुरूवार को उपला खेजड़ा एवं आसपास के सैकड़ों अभिभावक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि कलेक्टर कार्यालय सिरोही पहुंचे जहां जनसुनवाई में अतिरिक्त कलेक्टर को ज्ञापन देकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से अवगत करवाया। ज्ञापन में बताया कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 5 थर्ड ग्रेड टीचर हैं जो केवल पांचवीं तक की कक्षाओं को ही पडा सकते हैं। वर्षों से स्कूल में प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, वरिष्ठ अध्यापक द्वितीय श्रेणी एवं व्याख्याताओं के सभी पद रिक्त रहने से बच्चे बोर्ड की कक्षाओं में भगवान भरोसे उपस्थित होते हैं। अधिकांश अनुत्तीर्ण हो जाते हैं।
अभिभावकों ने रोष जाहिर करते हुए अतिरिक्त कलेक्टर से 10 दिन के अंदर स्कूलों में प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, द्वितीय श्रेणी एवं व्याख्याताओ के पद भरे जाने की मांग की साथ ही ऐसा ना होने पर हाईवे जाम करने की चेतावनी दी।
पंचायत समिति सदस्य रामलाल रणोरा ने बताया कि उपलीखेजड़ा में 12वीं तक का विद्यालय है, यहां 10 किलोमीटर दूर तक से बच्चे पैदल चलकर बोर्ड कक्षाएं पढ़ने के लिए आते हैं, लेकिन केवल स्कूल क्रमोन्नति के बाद पद रिक्त रखे जाने से विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। इस स्कूल में 365 का नामांकन है।
स्कूल में राजनीति विज्ञान, इतिहास, विशेष हिंदी व्याख्याताओं के पद 10 वर्षों से रिक्त हैं, इसके अलावा द्वितीय श्रेणी के गणित, अंग्रेजी, सामाजिक ज्ञान, विज्ञान समेत कुल 22 पद रिक्त हैं। केवल एक से पांच तक के पांच थर्ड ग्रेड टीचरों से ही विद्यालय का संचालन हो रहा है जिससे बोर्ड कक्षाओं का अध्ययन पूरी तरफ से बाधित हो गया है।
पंचायत समिति सदस्य देवाराम गरासिया, मीडिया प्रभारी एवं गरासिया समाज विकास सेवा समिति के अधिवक्ता भावा राम गरासिया ने बोर्ड कक्षाओं के अध्ययन में विद्यार्थियों के साथ हो रहे अन्याय पर रोष जाहिर किया तथा ग्रामीणों के साथ अतिरिक्त कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
अतिरिक्त कलेक्टर को जनसुनवाई में ज्ञापन देने के दौरान पंचायत समिति सदस्य रामलाल रणोरा, देवाराम गरासिया, अधिवक्ता भावा राम गरासिया, उपला खेजड़ा के वार्ड पंच छगनाराम, धर्माराम, बाबली, तथा अभिभावक वेलाराम, दीताराम, राजाराम, धनाराम, पुनाराम, वेलाराम, वाला राम, साबूरा राम, लिबाराम, गलाराम, चंदूरी, मेवाराम, मानाराम, कलाराम, किशन, शंकर लाल, नेहरू लाल, कमलाराम, बसुरा राम, अणदू नरसाराम आदि सैकड़ो की तादाद में मौजूद थे।