कांग्रेस ने की विशेष बैठक तो सिरोही प्रशासन ने छुट्टी के दिन तुरंत किया ये काम

सिरोही डाक बंगले में अयोजित जिला कोंग्रेस की विशेष बैठक में मौजूद कांग्रेस पदाधिकारी।
सिरोही डाक बंगले में अयोजित जिला कोंग्रेस की विशेष बैठक में मौजूद कांग्रेस पदाधिकारी।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। डाक बंगले में रविवार को जिला कांग्रेस की बेठक आयोजित की गई। इस बैठक में गत सप्ताह सिरोही में पोमजी महाराज की पत्नी की हत्या को लेकर आयोजित प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर चर्चा करनी थी।

लेकिन, प्रशासन को इस बैठक के बारे में न जाने क्या फीडबैक था कि वो इस बैठक के दौरान ही सक्रिय हो गया। उसने जिला कलेक्टर कार्यालय के प्रमुख गेट और यहां तक कि गेट से जुडी जालियों पर भी बेरिकेटिंग कर दी।
– ये था फीडबैक
प्रशासन और पुलिस के सूत्रों के अनुसार उन्हें ये फीडबैक था कि बैठक के बाद कांग्रेस नेता रविवार को ही जिला कलेक्टर परिसर में घुसकर धरना शुरू कर सकते हैं। यही नहीं इसके लिए पुलिस विभाग के कार्मिक शनिवार रात को ही कांग्रेस के अपने सूत्रों में फोन कर करके रविवार के कार्यक्रम की जानकारी ले रहे थे। अब कांग्रेस नेताओं के पास भी बैठक के अलावा कोई दूसरी सूचना थी नहीं।
प्रशासन को इन पर विश्वास नहीं हुआ। रविवार को बैठक शुरू होते ही सिरोही शहर के विभिन्न इलाकों में रखे ट्राफिक पुलिस के बेरिकेडस टै्रक्टर्स में जिला कलक्टर परिसर पर ले जाए गए। वहां पर जिला परिषद की तरफ के गेट पर बेरिकेड रस्सी से बांघकर गेट को पूरी तरह से पैक कर दिया गया।

यही नहीं इस गेट से जिला परिषद कार्यालय और कृषि विभाग के कार्यालय की दीवारों पर लगी जालियों को भी रस्सी से बांध दिया गया। ताकि किसी भी व्यक्ति के कलेक्टर कार्यालय की की तरफ जाने की आशंका समाप्त हो जाए। कोई अंदर नहीं घुस जाए इस कारण यहां रविवार रात को भी पुलिस कर्मी तैनात रखे गए।ये  वही दरवाजा है जहां पर कांग्रेस नेता संयम लोढा और सिरोही एएसपी प्रभुदयाल धानिया की बहस हुई थी। इसके बाद हुई कथित गुत्थतगुत्थी में पुलिस ने दरवाजा तोडने और राजकार्य में बाधा का मुकदमा संयम लोढा समेत पांच लोगों पर दर्ज किया।

सिरोही जिला कलेक्टर परिसर के जिला परिषद कार्यालय वाले दरवाजे पर पुलिस द्वारा को गई बेरिकेडिंग।
सिरोही जिला कलेक्टर परिसर के जिला परिषद कार्यालय वाले दरवाजे पर पुलिस द्वारा को गई बेरिकेडिंग।

-प्रशासन की सक्रियता की ये वजह
पुलिस से बहस और उसके बाद मुकदमे होने के सिरोही के दो चर्चित मुकदमें हैं। एक कांग्रेस शासन में पामेरा में हुए धरने के दौरान भाजयुमो के जिलाध्यक्ष गोपाल माली पर अनादरा थाने में दर्ज हुआ था। इस मुकदमे को दर्ज करवाने का आरोप भाजपा ने सिरेही के तत्कालीन विधायक संयम लोढा पर लगाया। दूसरा मुकदमा भाजपा शासन में पिछले सप्ताह दर्ज हुआ। जिसमें संयम लोढा समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। कांग्रेस इसे भाजपा के आकाओं के इशारों पर किए जाने का आरोप लगा रही है।
गोपाल माली पर हुए मुकदमे के बाद भी सिरोही में जिला परिषद परिसर के बाहर भाजपा का धरना हुआ था कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने पर इस बार जिला कांग्रेस की बैठक हुई। गोपाल माली को लेकर हुए धरने के दौरान सिरोही प्रशासन ने इस तरह की बेरीकेडिंग नहीं की जैसी इस बार कांग्रेस की सिर्फ बैठक होने पर की। इसकी प्रमुख वजह ये है कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने पर सीधे तोर प्रदेश प्रतिनिधि की अध्यक्षता में विशेष बैठक हुई है।

जबकि गोपाल माली के समर्थन मे ंहुई बैठक का आयोजन प्रदेश भाजपा के नेताओं को कोई हस्तक्षेप नहीं रहा। यही नहीं धरने का आयोजन भी भाजयुमो ने किया था न कि जिला भाजपा ने। हालांकि चुनाव नजदीक होने के कारण जिले के भाजपा के सभी नेता इसमें शामिल हुए थे।उस समय भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष सिरोही जरूर आए थे लेकिन, वो भी उदयपुर के अपने दौर के दौरान कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर। प्रदेश कांग्रेस के सीधे हस्तक्षेप की वजह से प्रशासन को ये अतिरिक्त सावधानी बरतनी पडी।

-ये हुआ कांग्रेस की बैठक में
सिरोही जिला कांग्रेस कमेटी ने रविवार को बैठक आयोजित कर जिला पुलिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला पुलिस पर राजनैतिक षडयंत्र के तहत भाजपा के अपने आकाओं को खुश करने के लिए पूज्य संत पोमजी महाराज की पत्नी के हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए शांति पूर्ण ढंग से न्याय की मांग करने आए फरियादियों से अभद्रता करने के साथ झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया हैं।
इसमे आरोप लगाया गया कि पोमजी महाराज की पत्नी की दो महीने पहले हुई हत्या के बाद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर 36 कौम के लोगों ने 28 जून को सिरोही जिला कलेक्टर परिसर में धरना आयोजित किया गया था। कांग्रेस का आरोप है कि अनुमति लेकर किए जा रहे शातिपूर्ण धरने के दौरान जिला पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियो ने भाजपा के आकाओं के दवाव में षडयन्तपूर्वक जिला परिषद कार्यालय के बाहर रोका इसके बाद जिला प्रशासन के पुलिस अधिकारियो ने राजनैतिक दवाब में आकर षडयन्तपूर्वक काग्रेस पार्टी के पदाधिकारियो के विरूद्ध अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर राज कार्य में बाधा का झुठा प्रकरण दर्ज करवाया गया है।

प्रस्ताव मे आरोप लगाया गया कि प्रदेश में जब से भाजपा सरकार आई है जनहित के मुददो पर विपक्ष के आन्दोलन को ’पुलिस कुचलने का प्रयास कर रही है । लेकिन, इस बैठक में कांग्रेस की गोविदसिंह डोटासरा और अशोक गहलोत के सत्ता शिखर पर रहते हुए संमय लोढा और उनके विरोधियों के हस्तक्षेप की वजह से पैदा की गई एक सबसे बडी कमजोरी सामने आई।

वो ये कि इसमें जिला कांग्रेस समिति के पदेन सदस्य तो आए लेकिन, जिला अध्यक्ष के अधीन आने वाली जिला कार्यकारिणी का कोई सदस्य नहीं आया। वो इसलिए कि प्रदेश कांग्रेस ने संयम लोढा और गुटों को खुश करने के लिए सिरोही में कांग्रेस की कार्यकारिणी ही घोषित नहीं की। इसमें कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आम जनता को डराया जा रहा है उनकी अभिव्यक्ति की आजादी उनसे छीनी जा रही है।

बैठक में जिला अध्यक्ष आनंद जोशी, विधायक रेवदर मोतीराम कोली, प्रधान आबूरोड लीलाराम गरासिया, पूर्व विधायक गंगाबेन गरासिया, प्रदेश महामंत्री प्रभारी सिरोही अंजना मेघवाल, पूर्व विधायक लालाराम गरासिया, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी संध्या चौधरी, प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव तसलीम बानो, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य निंबाराम गरासिया सहित सैकड़ों कांग्रेस ने सामूहिक हस्ताक्षर के साथ निंदा प्रस्ताव पारित किया।