परीक्षित मिश्रा
सिरोही। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद राष्ट्रीय कांग्रेस के आह्वान पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी के खुलासे के बाद पहली बार पूरे देश में जिला स्तर पर एसबीआई और एलआईसी पर प्रदर्शन के निर्देश दिए गए। लेकिन, हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम करने वाली सिरोही कांग्रेस जनता से तो छोड़ो खुद आपस में हाथ जोड़े हुए नजर नहीं आई।
अपनी ढपली अपना राग
जिला मुख्यालय पर 6 फरवरी को कांग्रेस जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस ने एसबीआई पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन से पहले ही सिरोही-शिवगंज विधानसभा के ग्रामीण 11 ग्रामीण ब्लॉकों के अध्यक्षों की पिछले महीने घोषणा हुई थी। वहीं सिरोही व शिवगंज शहर ब्लॉक के पुराने अध्यक्ष ही कार्यवाहक हैं। लेकिन, गुटबाजी के चलते यह लोग जिला स्तरीय प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।
सिरोही विधानसभा के सिरोही तहसील के ब्लॉकों का प्रदर्शन जावाल में और शिवगंज ग्रामीण के ब्लॉकों का प्रदर्शन पोसालिया में किया गया। सिरोही विधानसभा में नवनियुक्त सभी ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस (संयम) गुट के हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय पर कांग्रेस (जीवाराम) के साथ किए जा रहे प्रदर्शन का वो हिस्सा नहीं थे। ये अदावत पिछले विधानसभा चुनाव के टिकिट वितरण के दौरान शुरू हुई थी। यूं जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य ने कहा कि उन लोगों ने सभी नवनियुक्त ब्लॉक अध्यक्षों और पूर्व ब्लॉक अध्यक्षों को इसमें शामिल होने का संदेश भेजा था।
पिण्डवाड़ा नगर ब्लॉक अध्यक्ष हुए शामिल
तीनों विधानसभा में नव नियुक्त ब्लॉक अध्यक्षों में से पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा के कांग्रेस नगर ब्लॉक अध्यक्ष अचलसिंह बालिया इसमें शामिल हुए थे। लेकिन, वहां के शेष ब्लॉक अध्यक्षों ने न तो इसमें हिस्सा लिया और न ही उनके क्षेत्रों में ब्लॉक मुख्यालयों पर इस दिन एसबीआई और एलआईसी के सामने प्रदर्शन किया था। इस क्षेत्र के सभी ब्लॉक अध्यक्ष लालाराम गरासिया के करीबी बताए जा रहे हैं। यूं इस क्षेत्र में नीरज डांगी और संयम लोढ़ा दोनों का ही दखल है।
रेवदर में भी सूखे के समाचार
सोशल मीडिया पर ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्तियां मिलने पर बधाइयां लेने में इतने मशगूल रहे कि इन्हें ये नहीं पता कि इस नियुक्ति का मतलब राष्ट्रीय और प्रदेश कांग्रेस के निर्देशों और उनके द्वारा दिए गए कार्यक्रमों की पालना है। लेकिन, रेवदर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय आदेशों की पालना का कोई समाचार नहीं मिला।
यहां के भी कई ब्लॉक अध्यक्ष भी जिला स्तर के प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। इतना ही नहीं इस विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े इलाकें आबूरोड नगर में भी कार्यक्रम आयोजन की कोई सूचना नहीं है। यही स्थिति रेवदर के शेष ब्लॉकों की है। इस क्षेत्र में राज्यसभा सांसद नीरज डांगी के करीबियों को ब्लॉकों की जिम्मेदारी दी गई हैं। ये लोग भी राष्ट्रीय आदेशों से सौंपी गई जिम्मेदारी को नहीं निभा पाए।
मुख्यमंत्री गहलोत के दावे का सिरोही कांग्रेसी दे रहे हैं जवाब
अशोक गहलोत और गोविंदसिंह डोटासरा ने जिस तरह से चार साल तक प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं को उत्पीडऩ और अनदेखी की है। वो अब कार्यकर्ता अशोक गहलोत और गोविंदसिंह डोटासरा के साथ करने लगे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि भाजपा ने जनआक्रोश यात्रा निकाली थी। उसमें न जन दिखा न आक्रोश दिखा। प्रदेश को राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा दिए गए आदेश की अवहेलना करते हुए सिरोही के लोढ़ा, डांगी और लालाराम गुट के कांगेसजनों ने ये इशारा कर दिया कि जनता में आक्रोश बाद में देखना पहले हमारा मौन आक्रोश ही देख लो।