सिरोही: आंशिक सहयोग पर कर दिया बवाल, तीर्थयात्रियों का क्या करेंगे हाल!



सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिस जगह पर महिला तीर्थयात्रियों को ये वादा किया था कि चुनाव आए जाए, लेकिन मातृशक्ति को निशुल्क तीर्थयात्रा जारी रखी जाएगी। उसी जगह पर बुधवार को भाजपा के ही एक अनुषांगिक संगठन के सम्मेलन में दानवीर के कर्णधार ने बवाल कर दिया। बवाल भी ऐसा कि अंतत: आयोजकों को उन्हें सख्त रवैया दिखाना पड़ा। प्रदेश संगठन को सूचित करना पड़ा। जिलाध्यक्ष को भी मौखिक निर्देश जारी करना पड़ा।

सिंधी धर्मशाला में बुधवार को भाजपा के अनुषांगिक संगठन का विधानसभा सम्मेलन अयोजित किया गया। इसमें संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं और लोगों को उनकी श्रेणी से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके लिए प्रदेश संगठन के अलावा स्थानीय स्तर पर भी भामाशाहों ने भागीदारी की थी। इसी संगठन के एक पदाधिकारी सिरोही में महिलाओं को तीर्थयात्रा ले जाने वाले भाजपा के टिकिट के दावेदार ‘श्रवण कुमार’ के महत्वपूर्ण सहयोगियों में से थे। ऐसे में ‘श्रवण कुमार’ का भी आयोजन में सहयोग रहा।

सम्मेलन में भाजपा संगठन के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि मंचासीन थे। कार्यक्रम में ‘श्रवण कुमार’ भी पहुंचे। सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम में सहयोग के लिए ‘श्रवण कुमार’ का अभिनन्दन और आभार मंच से व्यक्त किया गया था। लेकिन, पार्टी प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें मंच पर नहीं बैठाया गया था बल्कि अतिथि दीर्घा में ही आगे बैठाया गया था। उन्हें मंच पर नहीं बैठाने और उनका भाषण नहीं दिलवाने को लेकर उनके महत्वपूर्ण सहयोगी युवा नेता ने वहां पर बवाल खड़ा कर दिया।
सूत्रों के अनुसार उनका दावा था कि कार्यक्रम में सहयोग के लिए ‘श्रवण कुमार’ को मंच पर बैठाना चाहिए और उनका भाषण भी करवाया जाना चाहिए। काफी देर बहस के बाद संगठन के पदाधिकारी भंवरलाल और सुरेश सिंदल का भी दिमाग ठनका। उन्होंने युवा नेता को आड़े हाथों ले लिया। उनके इस तरह के किसी भी सहयोग की आवश्यकता नहीं होने की बात कहकर उन्हें वहां से भेजा।
जिस जगह पर ‘श्रवण कुमार’ और उनके सहयोगी ये दावा कर रहे थे कि चुनावों के बाद भी महिलाओं की निशुल्क तीर्थयात्रा यथावत रहेगी, उसी जगह पर सिर्फ मंच पर नहीं बैठाने को लेकर जो बवाल किया उससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि यदि चुनावों में पार्टी से या निर्दलीय खड़े होने पर वोट नहीं देने पर तीर्थयात्रा की लाभार्थियों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा सकता है।
-प्रदेश संगठन की दी सूचना
संगठन के कार्यक्रम में इस तरह के बवाल से वहां बैठे कार्यकर्ता सकते में आ गए। उन्हें इस तरह के व्यवहार की किसी से अपेक्षा नहीं थी। लेकिन, जो
हुआ वो संगठन के लोगों की अपेक्षा के विपरीत था। ऐसे में इस बवाल की सूचना संगठन के जिला पदाधिकारियों ने प्रदेश संगठन को दे दी।
-बैठक में नाराजगी इससे भी
सिरोही विधानसभा में दावेदारी करने वाला आबूरोड का एक और चेहरा अभी वहां अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में है। वो हैं नेमीचंद अग्रवाल। उन्हें सिरोही विधानसभा से भाजपा से टिकिट चाहिए। ऐसे में सिरोही विधानसभा में होने वाले कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति रहती है।

जिस तरह दलपत पुरोहित को सिरोही विधानसभा में जमाने का बीड़ा सिरोही विधानसभा के ही युवा नेता ने उठाया है सीरोही विधानसभा में भाजपा के मंचों पर  नेमीचंद अग्रवाल के लिए उसी तरह का बीड़ा भाजपा संगठन के ही आबूरोड निवासी और रेवदर विधानसभा से दावेदारी करने वाले पदाधिकारी ने उठा रखी है। तो उन्होंने मंच पर उन्हें ऑफर की गई कुर्सी को प्रोटोकॉल का ध्यान दिए बिना नेमीचंद अग्रवाल को ऑफर कर दी। वो वहां बैठे। यूं बिना किसी पद और प्रोटोकॉल की पालना के नेमीचंद अग्रवाल का उस जगह बैठना वहां बैठे कई भाजपाइयों को खटकी। इसकी चर्चा बाद में भी संगठन में होती रही। ‘श्रवण कुमार’ के मुद्दे के पीछे इसे भी एक वजह माना रहा है।
-जिलाध्यक्ष को जारी करना पड़ा मौखिक निर्देश
इस घटना के बाद भाजपा संगठन में ही काफी रोष दिखा। प्रदेश संगठन को इसकी सूचना भेजने के अलावा जिला संगठन को भी ये जानकारी मिली। सूत्रों के अनुसार इसके बाद जिला अध्यक्ष सुरेश कोठारी ने सभी अनुषांगिक संगठनों को ये मौखिक निर्देश जारी किए हैं कि विधानसभा चुनावों में दावेदारों से किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं लिया जाएगा। यदि लिया भी जाए तो उसकी सूचना सबसे पहले उनको दी जाए साथ ही ये भी ताकीद कर दिया जाए कि उनके सहयोग के बदले में किसी को भी मंच पर स्थान या संबोधन का अवसर नहीं दिया जाएगा।