पंजाब बोर्ड की नकली अंकतालिका, प्रमाण पत्र के मामले में 22 व्यक्तियों को दो साल की सजा

श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने करीब 25 वर्ष पुराने नकली अंकतालिकाओं और प्रमाण पत्रों की बिक्री के मामले में 22 आरोपियों को गुरुवार को दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने इस मामले में कश्मीरसिंह, सुरेंद्रसिंह, मलकीतसिंह, गुरपालसिंह, परमजीतसिंह, खुशविंदरसिंह, चंदरसिंह, कृष्णकुमार बिश्नोई, बलदेवसिंह (पुत्र मोहरसिंह), गुरजिंदरपाल सिंह, पंकज चोपड़ा, हरगुरनाथसिंह, मुकेशकुमार गर्ग, मंदीपसिंह, राजपालसिंह, मनजीतसिंह, गुरविंदरसिंह, हरविंदरसिंह, बलवीरसिंह, केवलसिंह, बलदेवसिंह (पुत्र जीत शसिंह) एवं जसमतसिंह को नकली अंक तालिका बिक्री का दोषी मानते हुए उन पर जुर्माना भी किया।

आरोपियों ने पंजाब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से नकली अंक तालिका तथा प्रमाण पत्र बेचकर शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी की। सीबीआई ने 25 आरोपियों के विरुद्ध 21 अप्रैल 1999 को आरोप पत्र दायर किया था। दो आरोपियों की मृत्यु हो जाने के कारण विचारण रोक दिया गया जबकि एक आरोपी को नाबालिग होने की वजह से अदालत ने बरी कर दिया। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी।