अजमेर। राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के लिए किए गए समझौता पत्र पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
राठौड ने बुधवार को यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि राजस्थान के हक को मारकर, मध्यप्रदेश के लिये ज्यादा लाभदेय, ये करार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए किया गया है।परियोजना कब शुरू होकर, कब पूरी होगी, ये इनके नेताओं की विरोधाभासी बयानों से अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि जनता के सामने परियोजना की तस्वीर साफ होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एमओयू पूर्वी राजस्थान की जनता के साथ छलावा है। एमओयू पानी की मात्रा का कहीं जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अजमेर मे 2500 एमसीएम पानी मिलने की बात कही, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सदन में 3500 एमसीएम का जिक्र किया। ये विरोधाभासी बयान गुमराह करने वाले हैं।
वास्तव में राजस्थान को कितना पानी मिलेगा, स्पष्ट नहीं है। इसमें भी पीने के लिए कितना, सिंचाई के लिए कितना तथा उद्योग-धंधों के लिए कितना पानी मिलेगा, सरकार को बताना चाहिये। उन्होंने आरोप लगाया कि इस परियोजना का समझौता राजस्थान के हितों को मारकर किया गया है। समझौते में 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की बात भी बेमानी है, जिसका कांग्रेस सदन के अंदर और सदन के बाहर भी विरोध कर रही है ताकि प्रदेश की जनता का हित सुरक्षित रहे।
लोकसभा चुनाव में जीत के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 25 की 25 सीटें जीतने का दावा कर रही है, जबकि वह अलवर सीट के प्रभारी हैं, वह अलवर सहित 12 से 13 सीट निकालने में मदद का सकते हैं लेकिन वास्तविकता वहां के प्रभारी ही बता सकेंगे।
एक सवाल के जवाब में राठौड़ ने स्वीकार किया कि कांग्रेस में सोशल नेटवर्किंग भाजपा की अपेक्षा बेहद कमजोर है। पत्रकार वार्ता में किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, अजमेर के पूर्व विधायक डा. राजकुमार जयपाल, प्रदेश मंत्री राजेश टंडन सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। इससे पहले राठौड़ ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को भी सम्बोधित किया।