जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. अरुण चर्तुवेदी ने राजधानी जयपुर में पर्यावरण की रक्षा के लिए ई रिक्शा की जरूरत बताते हुए उन्हें परिवहन विभाग के नियमों के तहत लाकर जयपुर शहर की बे तरतीब यातायात व्यवस्था को सुधारने की राज्य सरकार से मांग की है।
डा. चतुर्वेदी ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की। उन्होंने पत्र में कहा कि कुछ रसूखदारों ने ई रिक्शा नीति नहीं होने के कारण गरीब की रोटी छीनने का का काम किया है। उन्होंने कहा कि जयपुर में हजारों की संख्या में ई रिक्शा चल रहे हैं। इनके लिए कोई नियम और प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं।
ई चार्जिंग स्टेशन नहीं होने के कारण कुछ रसूखदार लोग जिन्होंने बड़ी संख्या में ई रिक्शे खरीद रखे हैं सरकारी बिजली के खंभों से अवैध रूप से बिजली लेकर ई रिक्शा को चार्ज कर सरकारी कोष को चूना लगा रहे हैं।
डा. चतुर्वेदी ने भारी संख्या में चल रहे ई रिक्शा चालकों की नागरिकता को लेकर भी संदेह प्रकट किया है साथ ही शहर प्रशासन को ई रिक्शा नीति बनाने के साथ ही उनके सत्यापन कराने की भी मांग करते हुए कहा की जयपुर वासियों की सुरक्षा को देखते हुए ई रिक्शा चालकों और मालिकों का सर्वे कराया जाए।
डा. चतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर में पहले बड़ी संख्या में मानव चालित रिक्शे चलते थे इन रिक्शों के लिए नगर निगम से नीति बनी हुई थी, जिससे गरीब आदमी को रोजगार मिल रहा था लेकिन ई रिक्शा नीति और नियम नहीं होने से वास्तविकता में जिस गरीब को रोजगार मिलना चाहिए, उसकी रोजी-रोटी पर रसूखदार का कब्जा हो गया।
नियम के अभाव में शहर प्रशासन गलत और बेतरतीब ई रिक्शा चालकों पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर पा रहा है। अकेले जयपुर में इस समय दस हजार से ज्यादा ई रिक्शा चल रहे हैं जो रामगंज बाजार, ईद गाह, बड़ी चौपड़, सुभाष चौक, रेलवे स्टेशन की यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं।