जयपुर। राजस्थान में इस वर्ष छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जाएंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न घटकों को लागू करना चुनौतीपूर्ण कार्य है, इस दिशा में अभी व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच जयपुर समेत प्रदेशभर में छात्र संगठनों में आक्रोश फैल गया। चुनाव की तैयारियों में जुटे छात्र नेताओं को इस आदेश से बड़ा धक्का लगा। रविवार को सुबह राजस्थान यूनिवर्सिटी के सामने छात्रों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने 36 से अधिक छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया।
एकेडमिक बैक आफ क्रेडिट में छात्रों का पंजीकरण, सेमेस्टर व्यवस्था लागू करने, इंस्टीट्यूशनल डवलपमेंट प्लान, नैक द्वारा प्रत्यापन एवं शिक्षा की गुणवत्ता आदि कार्य प्रगति पर है। विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में देरी, नए महाविद्यालयों के खोले जाने एवं प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कारण न्यूनतम 180 दिन अध्यापन कार्य करवाना चुनौतीपूर्ण हैं।
उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार छात्रोें की 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता है। ऐसे में राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की बैठक में कुलपतियों द्वारा बताया गया कि इस सत्र में छात्रसंघ के चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए।
सभी कुलपतियों के व्यक्त किए गए मन्तव्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा व्यापक छात्रहितों में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का निर्णय लया गया है। इसके बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया।
प्रदेश में 2004 से 2009 तक छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए गए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2010 से छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर हरी झंडी दी। हालांकि कोरोना काल में वर्ष 2020 और 2021 में भी छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए।
मीडिया के छात्र संघ चुनाव को लेकर सवाल करने पर शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि जब छात्र संघ चुनाव बंद हो गए थे, तब मैं ही वह मुख्यमंत्री हूं, जिसने फिर से चुनाव शुरू करवाए थे। हमसे बड़ा कमिटमेंट चुनाव को लेकर किसी और का नहीं हो सकता।
गहलोत ने कहा कि आज चुनाव से पहले ही छात्र इस तरह पैसे खर्च कर रहे हैं, जैसे एमएलए-एमपी के चुनाव लड़ रहे हो। आखिर कहां से पैसा आ रहा है और इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं जबकि यह सब लिंगदोह समिति की सिफारिशों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि छात्र नेता लिंगदोह समिति की धज्जियां उड़ा रहे हैं, यह ठीक नहीं है।
उधर छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जाने के आदेश के बाद छात्र नेताओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है और सुबह राजस्थान विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन करने आए कुछ छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। इसके मद्देनजर उच्च शिक्षण संस्थानों में पुलिस बल तैनात किया गया।