बालासोर। ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में ट्रेन डिब्बों से निकाले ्गए शवों को रखने के लिए बनाए गए अस्थायी मुर्दाघर बहानागा हाई स्कूल को छात्रों में भूत के डर के मद्देनजर शुक्रवार शाम को ध्वस्त किया जा सकता है।
बालासोर के जिलाधिकारी डीबी शिंदे ने जिला शिक्षा अधिकारी के साथ गुरुवार को दुर्घटनास्थल के करीब स्थित इस स्कूल का दौरा किया। इस दौरान छात्रों के माता-पिता ने शिकायत की कि उनके बच्चे भूत होने की आशंका के मद्देनजर स्कूल जाने से डर रहे हैं, क्योंकि इस स्कूल को अस्थाई मुर्दाघर बनाया गया था और वहां शवों को रखा गया। शिंदे ने स्कूल में शवों को रखने की अनुमति देने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) और स्थानीय ग्रामीणों को गंभीर संकट के समय सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने भवन के मुद्दे को लेकर भी उनसे चर्चा की। जिलाधिकारी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने दौरा किया और स्कूल प्रबंध समिति से चर्चा की। जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें पता चला कि इमारत में भूतों के डर से छात्र स्कूल जाने से डरने लगे हैं। हालांकि, ऐसी धारणाएं निराधार हैं।
उन्होंने कहा कि एसएमसी तय करेगी कि विशेष इमारत को गिराया जाएगा या नहीं। यदि वे इसे ध्वस्त करना उचित समझते हैं और हमें इस संबंध में एक संकल्प प्रति देते हैं तो इसे आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इमारत पुरानी हो गई है और चक्रवात प्रभावित क्षेत्र के करीब है। उन्होंने कहा कि स्कूल की इमारत को गिराने पर विचार किया जा सकता है।
इस बीच, ग्रामीणों ने जगह को पवित्र करने का फैसला किया है। सोलह जून से गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल फिर से खुलने वाले हैं लेकिन छात्र और शिक्षक स्कूल लौटने से डर रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी एक पुजारी को सौंपी गई है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि स्कूल खुलने के बाद बच्चे डरें नहीं। बहानागा बाजार स्टेशन से कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित यह शैक्षणिक संस्थान 64 वर्ष पुराना है।
भीषण दुर्घटना के बाद खाली स्कूल भवन दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के शवों को अस्थायी रूप से रखने के लिए, बचाव दल और जिला प्रशासन के लिए सबसे कठिन बचाव कार्यों में से एक में बड़ी मदद के रूप में सामने आया।