स्वामी हिरदाराम जी के 119वें जन्मोत्सव पर सुखमनी साहब का पाठ

अजमेर। स्वामी हिरदाराम जी के 119वें जन्मोत्सव के अवसर सुखमनी साहब का पाठ हाथी भाटा स्थित स्वामी जी कुटिया में आयोजित किया गया। महंत हनुमान राम जी ने प्रवचनों में कहा सेवा ही परमो धर्म है। जग कल्याण के लिए हमें सब की सेवा करनी चाहिए। अपना उत्थान करने के लिए गुरु की शरणागत लेकर परमात्मा की प्राप्ति करनी चाहिए।

ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम हिलटॉप के महंत स्वरूप दास जी ने कहा कि स्वामी हिरदाराम साहब एक अदभुत व्यक्तित्व के धनी थे, उन्होंने सेवा का मार्ग को जीवन का उद्देश्य बनाया। अपने गुरु के मार्ग को अपनाकर एक कर्म योगी संत के रूप में जन जन में ख्याति प्राप्त की। ईश्वर गोविंद धाम फाई सागर रोड के संत ईश्वर दास जी ने स्वामी हिरदाराम साहब शान में गुरु तू मुंहजो मा बार तुहजो भजन की प्रस्तुति दी।

सद्गुरु बालक धाम किशनगढ़ के महंत श्याम दास जी ने भजन कीर्तन करते हुए कहा कि गंगा व जमुना में पानी रहे, तब तक बाबा हिरदाराम की कहानी रहे तब तक सहित कई भजन प्रस्तुत किए।

इस अवसर के राम विश्व धाम अजय नगर के महंत अर्जुन दास, हरी सेवा धाम भीलवाड़ा के संत राजाराम जी, दादूराम दरबार नगीना बाग के फतन दास, तुलसी किशन धाम के चतुर्भुज मखीजा ट्रस्टी साई बाबा मंदिर के ट्रस्टी महेश तेजवानी, साई गौतम दास, सोनू उदासी आदि ने संतों की महिमा की जानकारी दी।

कार्यक्रम में सुखमणि साहब का पाठ संत महात्माओं का सत्संग, कीर्तन, आरती, अरदास व प्रसादी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में कंवल प्रकाश किशनानी, ईश्वर भंभानी, प्रेम केवलरामानी, मनीष प्रकाश, रामचंद्र गुलाबानी, दिलीप चदनानी समेत स्वामी जी के भक्त उपस्थित थे।