नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति कथित घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली और इसी मुकदमे में जमानत की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पांच सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने उनकी याचिकाओं पर संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में अगली सुनवाई पांच सितंबर को करेगी, ताकि जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा सके।
सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष सीबीआई ने केजरीवाल की याचिकाओं का यह कहते हुए जोरदार विरोध किया कि अगर उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर जांच को बाधित कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को सीबीआई को (दोनों याचिकाओं पर) अपना पक्ष रखने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को करेगी।
केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से पांच अगस्त को अपनी याचिका ठुकरा दिए जाने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ के समक्ष तब केजरीवाल का पक्ष रखते हुए दलील दी थी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज मुकदमे में शीर्ष अदालत ने तीन मौकों पर अंतरिम जमानत दी है। उन्होंने दावा किया था कि सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी एक प्रकार से पहले से तय थी, क्योंकि यह अनुमान था कि ईडी मामले में उन्हें जमानत मिलेगी और वह जेल से रिहा किए जाएंगे।
पीठ पर तब सिंघवी की इन दलीलों का कोई असर नहीं पड़ा। पीठ के इस रुख बाद सिंघवी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का जिक्र करते हुए अगली सुनवाई के लिए नजदीक की तारीख मुकर्रर करने का आग्रह किया। इसके बाद पीठ ने कहा कि वह इस मामले में 23 अगस्त को अगली सुनवाई करेगी।