नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने वाले पश्चिम बंगाल सरकार के आठ मई के आदेश पर गुरुवार को रोक लगा दी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ राज्य सरकार के आदेश पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इस पर प्रतिबंध का पर्याप्त आधार नहीं है। पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा किफिल्म देश में हर जगह चल रही है। आप पूरे राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते।
शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार को फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाने और फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने फिल्म निर्माता सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का एक बयान भी दर्ज किया कि किसी भी विवाद को शांत करने के लिए 20 मई की शाम 5 बजे तक फिल्म में एक डिस्क्लेमर डाला जाएगा कि 32000 रूपांतरण के कोई प्रामाणिक आंकड़े नहीं हैं और फिल्म एक काल्पनिक कहानी पर आधारित है।
पीठ ने फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ देखने का भी फैसला किया, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या स्वीकार्य है या नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह गर्मी की छुट्टियों के बाद मद्रास और केरल उच्च न्यायालयों के फैसले से उत्पन्न याचिकाओं पर विचार करेगी। इन उच्च न्यायालयों ने उस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी।