नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मुकदमे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत देने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला बहुत ही तर्कसंगत है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि हम उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि उच्च न्यायालय की ओर से की गई टिप्पणियों का निचली अदालत में (इस मामले में) सुनवाई करते समय कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ईडी ने उच्च न्यायालय के 28 जून के जमानत आदेश की वैधता पर सवाल उठाते हुए शीर्ष न्यायालय में अपील की थी। ईडी की याचिका में दलील दी गई थी सोरेन को जमानत देने वाला उच्च न्यायालय का आदेश ‘अवैध’ था और उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी कर गलती की कि उनके (मुख्यमंत्री) खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।
न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें विस्तारपूर्वक सुनने के बाद जमानत का आदेश पारित किया था। ईडी ने 31 जनवरी को सोरेन को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत और उसके बाद फिर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद इस्तीफा देने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता को उच्च न्यायालय के जमानत आदेश के बाद पिछले दिनों फिर से राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी।