नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को रद्द करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने यह कहते हुए समीक्षा याचिकाएं खारिज कर दीं कि 11 दिसंबर, 2023 को दिए गए फैसले में कोई स्पष्ट त्रुटि नहीं है।
पीठ ने कहा कि 11 दिसंबर, 2023 को पारित हमारे फैसले की समीक्षा करने के बाद, हमें सुप्रीम कोर्ट के नियम 2013 के आदेश एक्सएल सात, नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं मिला। पीठ ने राष्ट्रपति के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीन लिया था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा। अदालत ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की संवैधानिकता पर फैसला देने से परहेज किया और जम्मू-कश्मीर की विधान सभा के चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर 2024 की समय सीमा तय की।