नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली अबकारी नीति में कथित घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से 21 मार्च को गिरफ्तार किए जाने और फिर ईडी की हिरासत को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल और ईडी की ओर से चार दिनों तक दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस बीच नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।
सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष ईडी ने दावा किया कि इस मामले में केजरीवाल की ओर से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के प्रत्यक्ष सबूत हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जो गोवा चुनाव खर्च के लिए आप को दी गई थी।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 10 मई को केजरीवाल को एक जून तक चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। पीठ ने सुनवाई के दौरान मामले से संबंधित दस्तावेज देखे और ईडी से यह दिखाने के लिए एक चार्ट प्रस्तुत करने को कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के फैसले को सही ठहराने के लिए कौन से नए सबूत सामने आए हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की ओर से पेश राजू ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने शराब मामले में आठवें आरोपपत्र में औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को दिल्ली अबकारी नीति मामले में आरोपी बनाया है।
राजू के अलावा ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अदालत के समक्ष दावा किया कि उसने पैसे के हस्तांतरण से संबंधित मामले में अपराध की कथित आय के संबंध में केजरीवाल और कुछ हवाला ऑपरेटरों के बीच कथित चैट का पता लगाया है। ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल ने अपने मोबाइल तथा अन्य उपकरणों का पासवर्ड साझा करने से इनकार करने के बाद हवाला ऑपरेटरों के उपकरणों से चैट बरामद की गई हैं।
राजू ने कहा कि अब हमारे पास इस मामले में अरविंद केजरीवाल और हवाला ऑपरेटरों के बीच सीधी बातचीत का ब्योरा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कई फोन नष्ट कर दिए थे। अब गिरफ्तारी के साथ हवाला ऑपरेटरों से बरामद की गई है।
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का बचाव करने के लिए ईडी द्वारा अब जिस सामग्री का हवाला दिया जा रहा, वह उनकी गिरफ्तारी के दौरान मौजूद नहीं थी। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ किसी भी तरह से कोई सामग्री या सबूत नहीं था।
राजू ने आगे दावा किया कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख के रूप में दायित्व के अलावा, केजरीवाल अबकारी नीति 2021-22 (जो बाद में रद्द कर दी गई) तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में भी सीधे तौर पर उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि गोवा में एक सात सितारा होटल में केजरीवाल के ठहरने के लिए एक आरोपी द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।
मुख्यमंत्री ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। ईडी ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए अदालत से कहा था कि वह इस मामले के मास्टरमाइंड और मुख्य साजिशकर्ता हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से नौ अप्रैल को (मामले में ईडी की ओर से गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ) याचिका खारिज होने के बाद केजरीवाल ने अगले दिन शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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