अजमेर/ब्यावर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत और ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने मंगलवार को ब्यावर विधानसभा क्षेत्र के जस्साखेड़ा से दूधालेश्वर तक 17 किलोमीटर सड़क के चौड़ाईकरण कार्य का शिलान्यास किया।
मुख्य अतिथि एवं मंत्री रावत ने विधिवत रूप से आधारशिला की पूजा अर्चना कर कार्य का शिलान्यास किया। यह परियोजना 15 करोड़ रुपए की लागत से पूरी होगी।शिलान्यास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।
इस अवसर पर रावत ने प्रदेश सरकार की समर्पित कार्यशैली और विकास कार्यों को लेकर प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि यह चौड़ाईकरण कार्य ब्यावर क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे यात्रा सुगम और सुरक्षित होगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे समुचित और सर्वसमावेशक विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निरंतर विकास की दिशा में काम कर रही है और यह चौड़ाईकरण कार्य भी उसी का हिस्सा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देगा।
शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला और उन्होंने इस विकास कार्य के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पहुंचने पर मंत्री रावत का ढोल धमाकों की गूंज के साथ गर्म जोशी से भव्य स्वागत सत्कार किया गया।
जल संसाधन मंत्री ने मुहामी निवास पर की जन सुनवाई
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने मुहामी निवास पर जन सुनवाई की, जिसमें उन्होंने विभिन्न गांवों के ग्रामीणों द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान किया। इस जन सुनवाई के दौरान, ग्रामीणों ने पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत अपने-अपने गांवों को ग्राम पंचायत बनाने का निवेदन किया, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया में सरलता आएगी और विकास कार्यों में तेजी आएगी। रावत ने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
मंत्री रावत ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने ग्रामीणों द्वारा उठाए गए बिजली, पानी, चिकित्सा सहित अन्य विभागों से संबंधित मुद्दों पर अधिकारियों को त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार हर स्तर पर ग्रामीणों के विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।
इस अवसर पर मंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनसुविधाओं में सुधार लाने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यवाही की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीणों को उनकी मांगों के अनुरूप समय पर राहत मिल सके।