प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की सरेंडर अर्जी पर सोमवार को सुनवाई के लिए किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के कारण यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने खारिज कर दिया गया।
शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि सोमवार को आशा नूरी की सरेंडर अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) दिनेश गौतम की अदालत में सुनवाई थी। नूरी के पक्ष से किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के कारण अदालत ने उसकी अर्जी खारिज कर दिया। इससे पहले तारीख पर भी किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं हाेने के कारण पांच जून सुनवाई की तिथि निश्चित की गई थी।
गौरतलब है कि पुलिस ने आयशा पर उमेश पाल मर्डर केस में शामिल रहे शूटर मुस्लिम गुड्डू को अपने मेरठ स्थित घर में पनाह देने का आरोप लगाया है। आयशा के घर में सीसीटीवी में गुड्डू नजर आया था। इसी केस में आयशा के पति अखलाख पहले ही गिरफ्तार हो चुका है और नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। उसे स्वास्थ्य विभाग ने सस्पेंड भी कर दिया है।
उमेश पाल की 15 फरवरी 2023 को हुई हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में प्रमुख रूप से अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दोनो बेटे, गुड्डू मुस्लिम और नौ लोगों में आयशा नूरी, असद का दोस्त अतिन, अतीक का बहनोई अखलाक, और अतीक के सहयोगी कैश अहमद, राकेश कुमार, नियाज अहमद, मो साजर और अरशद कटरा का नाम शामिल है। शाइस्ता परवीन, आशा नूरी, गुड्डू मुस्लिम फरार है।