अजमेर। स्वतंत्रता प्राप्ति में स्वदेशी को एक हथियार रूप में उपयोग किया गया था स्वदेशी के भाव के प्रचंड होने से ही स्वराज आया किंतु दुर्भाग्य से स्वराज प्राप्ति के बाद हमारे देश में स्वदेशी के विचार की अनदेखी हुई है।
स्वदेश के विकास के लिए इस देश के नागरिकों को अपने स्व की समझ बढ़ानी होगी यह विचार पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय में गुरुवार को संपन्न हुए स्वदेशी सप्ताह के समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सुनील दत्त जैन ने व्यक्त किए।
उपस्थित विद्यार्थियों, आचार्यों तथा अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की भोजन, भजन, वेश से लेकर दिन प्रतिदिन उपयोग ली जाने वाली छोटी-छोटी चीजों में स्वदेशी के चुनाव करने की क्षमता विद्यार्थियों में विकसित करना भारत के लिए अत्यंत आवश्यक है इस दिशा में विद्यालय के प्रयासों की उन्होंने सराहना की।
स्वदेशी सप्ताह में हुए आयोजन
स्वदेशी जागरण सप्ताह के संयोजक आचार्य पंकज बर्मन ने बताया कि इस सप्ताह का आयोजन 25 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर 2 अक्तूबर लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी की जयंती तक किया गया।
पूरे सप्ताह स्वदेशी के प्रति विद्यार्थियों में भाव जागरण के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें भारतीय काल गणना,स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग,अपनी वेश भूषा,अपनी भाषा जैसे विषयों पर विद्यार्थियों का प्रबोधन करने के साथ ही एक दिन सभी को भारतीय वेश भूषा में ही विद्यालय बुलाया गया।
परंपरागत भोजन के प्रति जागरूकता के लिए पूरे सप्ताह श्री अन्न क्रमश मक्का, बाजरा, ज्वार, अंकुरित अनाज, लापसी आदि के व्यंजनों को टिफिन में मंगवाया गया जिसे रुचि और गर्व के साथ सभी ने ग्रहण किया।
समापन कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रह्लाद पारीक और कोषाध्यक्ष सुधीर भारद्वाज ने आगंतुकों का स्वागत किया तथा प्रधानाचार्य भूपेंद्र उबाना ने धन्यवाद ज्ञापित किया।