नई दिल्ली। श्रीतिरुपति बालाजी मंदिर के मिलावटी लड्डू प्रसादम विवाद के मद्देनजर प्रसिद्ध दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर ने भगवान शिव को लड्डू तथा मिठाई का भोग नहीं लगाने का बुधवार को निर्णय लिया।
सिद्धपीठ श्रीदूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के श्रीमहंत तथा जूना अखाड़े के प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने आज बताया कि तिरूपति बालाजी के लडडू के प्रसाद में चर्बी मिलाने का मामला सामने आने के बाद श्रीदूधेश्वर मंदिर में भगवान को लड्डू या मिठाई का भोग नहीं लगाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि अब सोमवार से श्रीदूधेश्वरनाथ मंदिर में तथा मंगलवार से प्राचीन हनुमान मंदिर चौपला में मिठाई का भोग भगवान को नहीं लगेगा। श्रीदूधेश्वरनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ को सिर्फ फल तथा श्रीफल-नारियल का प्रसाद ही चढाया जा सकेगा। चौपला के हनुमान मंदिर में लडडू, बूंदी या किसी अन्य मिठाई का भोग नहीं लगेगा इसलिए गुड-चना, धागे वाली मिश्री या फल का ही भोग हनुमान जी को लगाया जा सकेगा। मंदिर में पवित्रता बनाए रखने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है।
श्रीदूधेश्वरनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर ने बताया कि श्रीतिरूपति बालाजी मंदिर में भगवान को चर्बी युक्त लडडू का भोग लगाने की घटना तथा आए दिन मिठाई आदि में मिलावट के वीडियो सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अब श्रीदूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर में बाजार में बनी किसी भी प्रकार की मिठाई का भोग भगवान को नहीं लगाया जाएगा। मंदिर में गौशाला है और गौशाला की देसी गायों के दूध से बने शुद्ध पदार्थो का भोग सुबह, दोपहर, सांय तथा रात्रि में भगवान को लगाया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि भगवान को अब दुकान से लाई गई मिठाई का भोग नहीं लगाया जा सकेगा। कोई भक्त घर से शुद्ध देसी घी में लडडू बनाकर लाता है तो उसका भोग प्रभु को लगाया जा सकेगा। सोमवार से दूधेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालु फल तथा नारियल का भोग ही लगा सकेंगे। मंदिर में गाड़ी पूजन के लिए आने वाले भक्त भी प्रसाद के लिए धागे वाली मिश्री, साबुत धनिया तथा गुड लेकर आएंगे।