मोहम्मद अल बशीर बने सीरिया के अंतरिम प्रधानमंत्री, बशर अल असद का खेल खत्म

दमिश्क। मोहम्मद अल-बशीर को मंगलवार को एक मार्च 2025 तक संक्रमणकालीन सीरियाई सरकार का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। दमिश्क में 12 दिनों तक चले बिजली के हमले से पहले अल-बशीर ने विद्रोहियों के नेतृत्व वाली साल्वेशन सरकार चलाई थी।

पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद को उखाड़ फेंकने के लिए 12 दिवसीय आक्रमण शुरू करने से पहले बशीर पहले विद्रोहियों के कब्जे वाली एक छोटी सी जगह में प्रशासन चलाते थे। वह इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) की देखरेख वाली संस्था में थे।

आने वाले संक्रमणकालीन प्रधानमंत्री ने साल्वेशन सरकार का भी नेतृत्व किया, जिसने केवल उत्तर-पश्चिमी सीरिया और इदलिब के कुछ हिस्सों पर शासन किया। जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, हालांकि अधिकतर दुकानें और सार्वजनिक संस्थान बंद रहे। सड़कों पर कुछ लोग अब भी जश्न मना रहे हैं। यातायात फिर से शुरू हो गया, लेकिन कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है।

सीरिया में विद्रोही गुट यानी रिबेल ग्रुप ने सीरिया के कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है। रिबेल ग्रुप ने सात दिसंबर को कहा कि उन्होंने उत्तरी और मध्य सीरिया के बाद इसके ज्यादातर दक्षिणी हिस्से पर भी कब्जा जमा लिया है।

पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद रूस पहुंच गए हैं और अपने परिवार के साथ पहुंचे हैं। अपने परिवार के साथ वह पहुंचे हैं। यहां उन्हें राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने मानवीय आधार पर शरण दे दी है। रूस ने ये भी कहा कि वो सीरिया विवाद के राजनीतिक समाधान का समर्थन करता है।

वहीं, इजराइल ने ईरान और लेबनान के प्रमुख सहयोगी असद के सत्ता से बेदखल होने का स्वागत किया, लेकिन आगे क्या होगा इस पर चिंता व्यक्त की। इजराइल का कहना है कि उसके सुरक्षाबलों ने सीरिया के अंदर एक बफर जोन पर अस्थायी रूप से कब्जा कर लिया है, जो 1974 के समझौते के अनुसार है।

इजराइल के विदेश मंत्री गिडिअन सार ने कहा कि हमारा एकमात्र हित इजराइल और उसके नागरिकों की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से इजराइली सुरक्षा बलों ने इन हथियारों को हमला कर नष्ट कर दिया, ताकि ये चरमपंथियों के हाथ न लग सकें।