तखतगढ़ (पाली)। एक पखवाड़े पहले आए बिपरजाॅय चक्रवाती तूफान के बाद पानी की आवक ने जवाई एवं बांकली कमांड की नहरों एवं माइनरों को ‘छलनी’ कर दिया है। अब इनकी मरम्मत में जल संसाधन विभाग का लाखों का खर्चा आएगा। सक्रिय मानसून में बरसात के पानी की आवक से फिर ‘तखतगढ़ टापू’ बनने के आशंका बनी हुई है।
दरअसल, एक माह पहले अरब सागर में बिपारजाॅय चक्रवाती तूफान की खबरें आई थी। ये तूफान समय के साथ 15 जुलाई को सीमावर्ती गुजरात एवं राजस्थान की सरहद को छू गया। इधर, मौसम विभाग ने भी इस तूफान को खतरनाक मानते हुए हाई अलर्ट किया। तूफान ने 17 एवं 18 जून को तखतगढ़ सहित सुमेरपुर उपखंड एवं जालोर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पूर्णत ‘बिफरते’ हुए रौद्र रूप दिखा गया। करीब 36घंटो से भी ज्यादा समय बारिश हुई।
बारिश के बाद ‘एकाएक’ पानी की इतनी आवक हुई कि तखतगढ़, बांकली क्षेत्र बाढ़ में तब्दील हो गया। इस पानी की अत्यधिक आवक से बांकली की नहरों व माइनरों एवं जवाई कमांड के बिठिया, तखतगढ़ सहित अन्य कमांड की नहरों को तहस -नहस कर दिया। अत्यधिक पानी से तखतगढ़ कस्बा पूर्णतः बाढ़ग्रस्त में तब्दील हो गया।
धरातल पर बड़े बड़े गड्ढ़े, टूटा पेट्रोलिंग मार्ग
जवाई कमांड़ के बिठीया, तखतगढ़, गोगरा सहित कमांड की नहरों एवं माइनरों को ऐसा कटाव डाला कि नहर धरातल से समान हो गया। नहरों के पास आवगमन को लेकर विभाग भी बेबस है। नहरों एवं माइनरों पर पानी की पाण के दौरान पेट्रोलिंग मार्ग पूर्णत: टूट गया है। ऐसे में कई काश्तकारों को अपने कृषि कुओं पर आवाजाही करने की काफी परेशानी हो रहा है।
जवाई बांध की 234 एवं बांकली 11 किमी की टूटने रिपोर्ट भेजी
जवाई बांध के कनिष्ट अभियंता गणपत देवासी ने बताया कि बिपरजाॅय चक्रवाती तूफान के बाद पानी की आवक ने जवाई कमांड की 234 किमी एवं बांकली कमांड 11 किमी की नहरें एवं माइनर जगह जगह से टूटी है। ऐसे में आपदा राहत को सर्वे कर जवाई के लिए 3 करोड़ एवं बांकली के लिए 11 लाख का तकमीना भिजवाया गया है। नहरों की सफाई के लिए मनरेगा से कार्य करवाना प्रस्तावित है।