चेन्नई। तमिलनाडु में चेन्नई की प्रधान सत्र अदालत ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार राज्य के बिजली मंत्री वी सेंथिलबालाजी की जमानत याचिका शुक्रवार शाम खारिज कर दी और उन्हें प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ के लिए उन्हें आठ दिन की हिरासत में भेज दिया।
आरोपी बिजली मंत्री सेंथिलबालाजी और ईडी द्वारा दायर याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए प्रधान सत्र न्यायाधीश अल्ली ने सेंथिलबालाजी की गुहार सुनने के बाद उन्हें अस्पताल से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और आठ दिन की हिरासत में पूछताछ के लिए ईडी की याचिका को मंजूर कर लिया।
अदालत ने कहा कि मंत्री से अस्पताल में पूछताछ की जानी चाहिए। श्री सेंथिलबालाजी के वकील ने जोर दिया की उनके मुवक्किल की बायपास सर्जरी होनी है। इस पर न्यायाधीश ने ईडी को निर्देश दिया कि सेंथिल बालाजी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 23 जून को अपराह्न तीन बजे तक अदालत में पेश किया जाए।
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें बायपास सर्जरी के लिए सरकारी अस्पताल से एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने निर्देश दिया कि मंत्री को अस्पताल से बाहर कहीं नहीं ले जाया सकता है। पीएसजे के आदेश के बाद सेंथिलबालाजी अब न्यायिक हिरासत से तत्काल प्रभाव से ईडी की आठ दिन की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन की सिफारिशों पर राज्यपाल आर.एन.रवि द्वारा दो मंत्रियों को उनके द्वारा रखे गए विभागों को आवंटित किए जाने के बाद सेंथिलबालाजी अब बिना विभाग के मंत्री हैं। ईडी ने जहां 15 दिन की हिरासत मांगी, वहीं न्यायाधीश ने जांच एजेंसी को मंत्री को हिरासत में पूछताछ के लिए आठ दिन की मोहलत दी।
मंत्री के अधिवक्ता ने ईडी की हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि अगले कुछ दिनों में उनकी बायपास सर्जरी होनी है और उनका स्वास्थ्य पूछताछ की अनुमति नहीं देगा। ईडी ने उच्च न्यायालय को पहले ही बता दिया था कि तलाशी के दौरान उन्हें पता चला है कि मंत्री और उनकी पत्नी के बैंक खाते में 1.60 करोड़ रुपए नकद जमा कराए गए थे और इस बारे में कोई उचित दस्तावेज नहीं मिले। उसने अदालत को यह भी बताया कि मंत्री ने जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया है और ईडी अधिकारियों ने हिरासत में पूछताछ के लिए प्रार्थना की।
सेंथिलबालाजी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हे सीने में दर्द की शिकायत के बाद कल रात कावेरी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। राज्य सचिवालय में उनके आधिकारिक आवास और उनके चैंबर पर 17 घंटे तक चले छापे के बाद पूछताछ के लिए ले जाते वक्त उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी। एक एंजियोग्राम से पता चला कि उनकी रक्त वाहिकाओं में तीन ब्लॉक हैं और और डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) सर्जरी की सलाह दी है।