चेन्नई। तमिलनाडु की एक प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बुधवार को तमिलनाडु के बिजली, उत्पाद एवं मद्यनिषेध मंत्री वी सेंथिलबालाजी को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रधान सत्र न्यायाधीश अल्ली जिन्होंने मंत्री की स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाने के लिए अस्पताल का दौरा किया,उन्होंने ही ईडी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मंत्री को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अस्पताल के सामने बड़ी संख्या में द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं के एकत्र होने के कारण अस्पताल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सुरक्षा व्यवस्था में सशस्त्र केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया। ईडी द्वारा मंत्री के चेन्नई स्थित आवास और राज्य सचिवालय में उनके चेंबर पर मारे गए छापे के दौरान दस्तावेजों को 17 घंटे तक खंगाला गया था और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
जब मंत्री को बुधवार को पूछताछ के लिए एक कार में ईडी कार्यालय ले जाया जा रहा था तभी दोपहर करीब 2.30 बजे उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें ओमंदुरार सरकारी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल द्वारा जारी एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गयाकि सेंथिलबालाजी की बुधवार का सुबह 10.40 बजे कोरोनरी एंजियोग्राम कराया गया। एंजियोग्राम से उनकी तीनों धमनियों में ब्लॉकेज पाया गया जिसके लिए सीएबीजी-बाईपास कराने की और जल्द से जल्द सर्जरी की सलाह दी गई। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में ले जाने की उम्मीद थी। मंत्रियों के एक दल ने अस्पताल का दौरा किया और स्थिति के बारे में पूछताछ की। बाद में, स्टालिन ने अस्पताल का दौरा किया और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की।
अस्पताल में बालाजी से मिलने के बाद एक बयान में स्टालिन कहा कि ईडी के अधिकारियों ने मंत्री को इस हद तक परेशान किया कि उसने सीने में दर्द उठने लगा। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि मंत्री को इस तरह क्यों परेशान किया जा रहा है जबकि उन्होंने ईडी को जांच में सहयोग करने का वादा किया।
बालाजी से पूछताछ के तरीके पर सवाल उठाते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि द्रमुक डराने-धमकाने से डरने वाली नहीं है। भाजपा की जो नीति है इसके लिए जनता उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में करारा सबक सिखाएगी।
स्टालिन ने कहा कि यह स्पष्ट था कि सेंथिलबालाजी मानसिक रूप से बीमार हैं और जांच की आड़ में उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। उन्हें इस हद तक परेशान किया कि उसके सीने में दर्द हो गया। रात दो बजे तक उसके साथ ऐसा करने के बाद अंत में वह उन्हें अस्पताल लाए जहां वह अब आईसीयू में है। स्टालिन ने पूछा कि जब वह जांच में पूरा सहयोग देने की बात कर रहे हैं तो उन्हें प्रताड़ित क्यों किया गया।
ईडी की कल की कार्रवाई से दो सप्ताह पहले करूर और कोयम्बटूर में मंत्री से जुड़े स्थानों पर भी छापे मारे गए करूर में उनके भाई वी. अशोक कुमार के यहा भी छापे मारे गए। स्टालिन ने कहा कि द्रमुक के सहयोगियों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों जैसे दिल्ली और पश्चिम बंगाल साथ ही राष्ट्रीय नेताओं राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और माकपा के राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने मंत्री की गिरफ्तारी को केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया।
ईडी की कल की कार्रवाई से दो सप्ताह पहले आयकर विभाग की टीम ने सेंथिलबालाजी के भाई और उनके परिवार के सदस्यों तथा परिचितों के घरों पर भी छापे मारे थे। बालाजी के खिलाफ अन्नाद्रमुक सरकार में 2011-15 के बीच परिवहन मंत्री रहते हुए नौकरी के लिए नकद घोटाले की जांच शुरू करने के लिए क्राइम ब्रांच शाखा को उच्चतम न्यायालय ने 16 मई को हरी झंडी दी थी।