चेन्नई। मद्रास हाइ्रकोर्ट द्वारा तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति देने के कुछ घंटे बाद गुरुवार रात उन्हें बाईपास सर्जरी के लिए कावेरी अस्पताल में भर्ती किया गया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सेंथिलबालाजी को एंबुलेंस से कावेरी अस्पताल भर्ती करने के लिए ले जाया गया।
सेंथिल बालाजी के ठिकानों पर 17 घंटे की छापेमारी की गई और उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद जब उन्हें पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय लेकर जाया जा रहा था तब मंत्री ने सीने में दर्द की शिकायत। जिसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी रक्त वाहिकाओं में तीन ब्लॉक का पता चला। चिकित्सकों ने उन्हें जल्द से जल्द बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई।
अदालत ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए मंत्री को निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जबकि ईडी के तर्कों को खारिज कर दिया कि न्यायिक हिरासत के तहत एक बंदी को केवल सरकारी अस्पताल में ही इलाज किया जाना चाहिए। ईडी ने एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने का विरोध किया और कहा कि मंत्री की जांच एम्स, दिल्ली के डॉक्टरों की एक टीम द्वारा की जानी थी।
अदालत ने हालांकि ईडी को कावेरी अस्पताल में डॉक्टरों की एक विशेष टीम द्वारा उनके इलाज की जांच करने की अनुमति भी प्रदान की। कावेरी अस्पताल में पुलिस के कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच मंत्री को अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया।
आरोपी मंत्री की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने मंत्री को उनकी पसंद के अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति प्रदान की। मंत्री को एक धनशोधन मामले में ईडी ने बुधवार सुबह गिरफ्तार किया था जबकि उनका पहले से कावेरी अस्पताल में इलाज चल रहा था।