हैदराबाद। तेलंगाना हाईकोर्ट ने वेमुलावाड़ा के पूर्व विधायक चेन्नामनेनी रमेश की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दस साल से अधिक समय तक चले नागरिकता मामले में गलत जानकारी और फर्जी दस्तावेजों के साथ अदालत को गुमराह करने पर गहरा रोष व्यक्त किया है।
न्यायालय ने रमेश पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया और उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी आदि श्रीनिवास को 25 लाख रुपए और हाईकोर्ट कानूनी सेवा प्राधिकरण को 5 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। यह भुगतान एक महीने के भीतर पूरा किया जाना है। रमेश के वकील ने एक महीने के लिए आदेश को स्थगित करने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि अंतिम निर्णय से पहले सभी दलीलों की गहन समीक्षा की गई थी।
उच्च न्यायालय ने रमेश के यात्रा इतिहास पर सवाल उठाया, जिसमें पता चला कि वह जर्मन पासपोर्ट का उपयोग कर रहा था, जिसकी पुष्टि उसके वकील ने की कि अब यह वैध नहीं है। रमेश के पास भारतीय पासपोर्ट नहीं था, जिससे कानूनी चिंताएं और बढ़ गईं।
यह मामला 2009 में शुरू हुआ जब राजनीति में प्रवेश कर चुके रमेश को उनके प्रतिद्वंद्वी आदि श्रीनिवास द्वारा उनकी भारतीय नागरिकता की वैधता के संबंध में आरोपों का सामना करना पड़ा।