हैदराबाद। दक्षिण बंगाल की खाड़ी में दबाव के कारण तेलंगाना में शनिवार से हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है तथा मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को भी बहुत भारी वर्षा का अनुमान जताते हुए रेेड अलर्ट जारी कर दिया है।
राज्य के विभिन्न कस्बों और गांवों के साथ ही राजधानी हैदराबाद की सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई है। सड़कें, घर और कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं, जिससे निवासियों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सूर्यापेट जिले में सबसे अधिक बारिश हुजूरनगर में 29.3 सेंटीमीटर और चिलकुर में 28.2 सेंटीमीटर दर्ज की गई।
भारी बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ है, कई इलाकों में यातायात रुक गया है और पुरानी इमारतें ढह गई हैं। सिंगरेनी जिले में कोयला उत्पादन पर भी काफी असर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वर्षा से धान, कपास, मक्का और ज्वार के खेतों में पानी भर गया है। तेलंगाना के खम्मम जिले में, एरु धारा के उफान के कारण बाढ़ के पानी में फंसे तीन लोगों को बचाया गया। विकाराबाद और कामारेड्डी सहित कई अन्य जिलों में यातायात बाधित होने और बाढ़ संबंधी घटनाओं की सूचना मिली है।
हैदराबाद मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार और सोमवार को आदिलाबाद, निज़ामाबाद और महबूबनगर समेत कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के अनुमान के साथ ही तेलंगाना के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और तीन सितंबर तक येलो अलर्ट पहले से जारी है।
हैदराबाद में शैक्षणिक संस्थानों के लिए छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं, जिलाधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर छुट्टियों की घोषणा का अधिकार दिया गया है।एहतियात के तौर पर मुलुगु जिले के बोगाथा और लक्नवरम जैसे पर्यटन स्थलों को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया है। मछुआरों और श्रद्धालुओं को मौसम में सुधार होने तक अपनी गतिविधियां स्थगित करने की सलाह दी गई है।
तेलंगाना के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने जिला कलेक्टरों और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए रविवार सुबह राज्य में जारी भारी बारिश और बाढ़ के खतरों की समीक्षा की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मंत्री ने विशेष रूप से खम्मम, कोठागुडेम, वारंगल, सूर्यापेट, नलगोंडा, हैदराबाद और अन्य प्रभावित जिलों की स्थिति के बारे में पूछताछ की।
लगातार हो रही बारिश के कारण जिला कलेक्टरों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। मंत्री ने निचले इलाकों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत प्रयासों को तेज करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यक हो वहां तुरंत पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहित बचाव टीमों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है, साथ ही जरूरत पड़ने पर बचाव कार्यों के लिए हेलिकॉप्टर तैनात करने का भी आदेश दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सचिवालय में 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है।
मंत्री ने भद्राद्री कोठागुडेम के जिला कलेक्टर के साथ मनुगुरु की स्थिति पर भी चर्चा की, और किसी भी जान-माल की क्षति को रोकने के लिए राहत उपायों के तत्काल कार्यान्वयन का निर्देश दिया। उन्होंने निर्बाध बिजली, पेयजल और परिवहन सेवाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।