सबगुरु न्यूज-आबूरोड। नगर पालिका ने एक नये किस्म का औचित्यहीन काम शुरू किया है। नगर पालिका के बाहरी वाडों में सडकों के दोनों तरफ के खाली कच्चे स्थानों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का। ये काम नगर पालिका के अकाउण्ट को खाली करने से ज्यादा कुछ नहीं नजर आ रहा है।
भजनलाल सरकार ने सत्ता संभालते ही ये राग अलापना शुरू कर दिया था कि अशोक गहलोत सरकार ने आर्थिक स्थिति खराब कर दी है और इसके लिए सरकारी विभागों को पैसे का दुरुपयोग रोकना होगा। लेकिन, आबूरोड नगर पालिका में भाजपा का ही बोर्ड भाजपा राज में लगे अधिशासी अधिकारी के साथ मिलकर इंटरलॉकिंग का काम करवा रहा है वो प्रथम दृष्टया तो नगर पालिका के अकाउंट को खाली करने से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा है। जो काम हो रहा है वो इंडियन रोड कांग्रेस के इंटरलॉकिंग के लिए बनाए गए नियमों पर कितना खरा उतर रहा है वो जांच का विषय है।
– सडकों के दोनो तरफ इंटरलॉकिंग
आबूरोड नगर पालिका में पिछले लम्बे समय से शहर की गलियों में सडकों के दोनों तरफ की कच्ची पट्टियों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने की चर्चा है। इसे शहरवासी भी औचित्यहीन ही मान रहे हैं। गांधीनगर के बाद ये काम मानपुर में ऋषिकेश रोड पर शुरू किया है।
इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का काम सडक और सडक के सहारे चल रही नालियों के बीच के खाली पट्टियों पर किया जाता तो फिर भी ठीक था, लेकिन आबूरोड नगर पालिका ने तो कई जगह ये काम नालिया को पार करके घरों के दरवाजों के सामने खाली जगहों को भी भर दिया। नगर पालिका ये काम सिर्फ बिलिंग बढाकर ठेकेदार और इसमें शामिल स्टेक होल्डरों को लाभ पहुंचाने के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है।
-कार्यकाल खत्म होने तक पैसा खत्म करने की नीयत तो नहीं
जिले में छह नगर निकाय क्षेत्र हैं। सिरोही, शिवगंज, माउण्ट आबू और पिण्डवाडा नगर पालिका बोर्ड के पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। आबूरोड नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त होना बाकी है। इस दिसम्बर में यहां पर आसीन भाजपा के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ये दावा किया जा रहा है कि आबूरोड नगर पालिका फिलहाल सिरोही जिले की सबसे कमाउ नगर पालिका बन चुकी है।
माउण्ट आबू से भी ज्यादा रेवेन्यु यहां पर आना बताया जा रहा है। पिछली सरकार में यहां पर अस्सी करोड रुपये पडे होने की बात सामने आई थी। कांग्रेस के दो ग्रुप्स की आपसी खींचतान में यहां पर काम नहीं हुआ तो पैसा निकल नहीं पाया। अब कांग्रेस यहां पर समर्पण मुद्रा में है तो उलजुलूल कामों में पैसा निकाला जा रहा है।
बोर्ड के कार्यकाल की समाप्ति से पहले इसी तरह से पैसे को सिरोही, पिण्डवाडा और माउण्ट आबू नगर पालिकाओं में भी फिजूल खर्च किया गया था। आबूरोड नगर पालिका में लगाए जाने वाली इंटरलॉकिंग टाइल्स पैसे के दुरूपयोग करने की मंशा से ज्यादा कुछ नहीं लग रहा है।