वेदों से नई पीढ़ी को जोड़ने की आवश्यकता : वासुदेव देवनानी

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मानव जीवन की समस्याओं का समाधान वेदों में बताते हुए कहा है कि इनसे नई पीढ़ी को जोड़ने की आवश्यकता हैं।

देवनानी शनिवार को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित अरविंद के आलोक में वेद की आधुनिक व्याख्या पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वेदों की शिक्षाओं को सरल भाषा में बताया जाना आज की जरूरत बताते हुए कहा कि हम कितने भी आधुनिक बन जाएं, वेदों की शिक्षाओं की आवश्यकता हमारे जीवन में सदैव बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि वेद प्राचीनतम ग्रंथ हैं लेकिन यह आज भी सामायिक है। श्री देवनानी ने विद्वानों का आह्वान किया कि वे वेदों का सरलीकरण से विवेचन करें ताकि लोगों को वेदों की अनुभूति हो सके और वे समझ सके कि मानव जीवन की समस्याओं का समाधान वेदों में है। उनका मानना था कि जीवन जीने की शैली वेदों से समझी जा सकती है।

देवनानी ने कहा कि वेद अतीत नहीं वर्तमान है। आमजन को उनकी अनुभूति करने की आवश्यकता है। यह केवल आध्यात्मिक अनुष्ठान ही नहीं है बल्कि चेतना की गहरी परतो तक पहुंचने वाला अथाह ज्ञान है। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन को वेदों से समझा जा सकता है। वेद राष्ट्रीय जागरण को नई दिशा देते हैं।

मानवता का सबसे बड़ा दर्शन भी वेदों में मिलता है। प्रकृति के प्रति सम्मान वेदों से समझा जा सकता है और भारत के नैतिक ढांचे को भी यह आकार प्रदान करते हैं। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक सुदेश कुमार शर्मा ने स्वागत उद्बोधन किया।