जयपुर। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य में कांग्रेस सरकार पर वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसका एजेंडा केवल अपने वोट बैंक को साधने का है और समाज को बांटकर एक समुदाय विशेष को खुश करने का है और इस कारण आगामी विधानसभा चुनाव में तुष्टीकरण का मुद्दा प्रभावी रहने वाला है।
शेखावत सोमवार को यहां प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति के खिलाफ भाजपा मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। जयपुर शहर से हिन्दुओं के पलायन से चुनाव पर असर के सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित रुप से इसका असर चुनाव पर पड़ेगा और प्रदेश के लोग इस विषय को गंभीरता से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में तुष्टीकरण के तांडव का मुद्दा निश्चित रुप से प्रभावी रहने वाला है।
उन्होंने कहा कि उन्हें बड़े दुखी और द्रवित मन से कहना पड़ रहा है कि बीते पांच साल में गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति के चलते एक दर्जन से अधिक पुजारियों और संतों की हत्या हो चुकी है लेकिन प्रदेश कांग्रेस सरकार ने इन संतों और पुजारियों को कोई मुआवजा और आर्थिक सहायता देने का काम नहीं किया जबकि जयपुर में रोडरेज की घटना में एक युवक की मौत के महज एक घंटे में सरकार ने 50 लाख के मुआवजे की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा कि इस सरकार का एजेंडा केवल अपने वोट बैंक को साधने का है और समाज को बांटकर एक समुदाय विशेष को खुश करने का है। उन्होंने कहा कि दौसा के कालाखो में एक पुजारी की घर के बाहर पीट-पीटकर हत्या की जाती है और मृतक पुजारी को इतनी निर्दयता से पीटा गया कि उनकी आंखे निकलकर सड़क पर गिर गई। इस घटना से लाखों प्रदेशवासी आहत है। उन्होंने कहा कि पुजारियों की हत्या का मामला प्रदेश में गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति के प्रमाण हैं।
शेखावत ने कहा कि इन पांच सालों में हिंदु त्यौहारों पर प्रतिबंध लगाना जिसमें रामनवमी के जूलूस पर रोक लगाना, हिंदु नववर्ष के अवसर पर निकलने वाली रैली पर पथराव की घटनाएं शामिल हैं वहीं प्रदेश के मुखिया हिंदुओं की तुलना आतंकवादियों से करते हैं यह बेहद शर्मनाक है। जिस कांग्रेस पार्टी की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खालिस्तानियों के आतंकवाद की भेंट चढ़ चुकी, आज उसी पार्टी के नेता एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस संगठन की तारीफ के कशीदे गढ़ते हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर का अंर्तकलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा और ये लोग हमें सीख दे रहे हैं। डीडवाना में गैंगरेप की घटना हो या आए दिन महिलाओं के खिलाफ बढ़ता उत्पीड़न बताता है कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को रेप कैपिटल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक दर्जन संतों एवं पुजारियों की हत्या और सात हजार से ज्यादा निर्दोष नागरिकों की हत्या पर इस सरकार का ध्यान क्यों नहीं जाता।
शेखावत ने कहा कि सीकर में गैंगेस्टर राजू ठेठ की हत्या के समय अपनी बेटी से मिलने आए एक निर्दोष पिता की भी हत्या कर दी जाती है लेकिन गहलोत सरकार मुआवजे के नाम पर चुप रहती है। क्या मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि वह एक बेसहारा बेटी को आर्थिक सहायता देते। रोज अनर्गल बयान देकर प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने की बजाय गहलोत सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान देती तो बेहतर होता।