राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को श्रद्धांजलि अर्पित करने देश-विदेश से हजारों लोग आबू रोड पहुंचे

माउंट आबू (सिरोही)। महिला शक्ति संगठन ब्रह्माकुमारीज़ की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के निधन के बाद उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादाद में लोगों का आबू रोड में स्थित शांतिवन आश्रम पहुंचना जारी है।

देशभर से नेताओं, अभिनेताओं, संत-महात्मा और महामंडलेश्वर ने शोक संदेश भेजकर दादी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। आज ब्रह्माकुमारी मुख्यालय शांतिवन से माउंट आबू के लिए बैकुंठी यात्रा निकाली गई। रास्तेभर में सामाजिक संगठनों और आमजन ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

बैकुंठी यात्रा शांतिवन के सभागार से शुरू हुई जो शक्ति स्तंभ, तपस्या धाम होते हुए माउंट आबू के लिए प्रस्थान की। माउंट आबू में ज्ञान सरोवर, ग्लोबल हॉस्पिटल, पांडव भवन, नक्की झील म्यूजियम होते हुए दोपहर में आबू रोड के मनमोहिनीवन, आनंद सरोवर, प्रकाश स्तंभ और सभागार पहुंची, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी रहा।
गुरुवार सुबह 9 बजे शांतिवन के सरस्वती भवन के सामने बगीचे में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दादी रतनमोहिनी ने सोमवार रात्रि अहमदाबाद के जॉइडिस अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। शांतिवन आश्रम में सभागार में पिछले दो दिन से अखंड योग-साधना का दौर जारी है। उनके निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दादी के देहावसान पर दुख जताते हुए लिखा कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में हजारों युवा बहनों के प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण कार्य निभाया। भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रचार के लिए कई पदयात्राएं कीं।

तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णुदेव वर्मा ने कहा कि दादी ने अपना पूरा जीवन मूल्य और आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार ने लगा दिया। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि दादी का जीवन आध्यात्मिक साधना, सेवा, समर्पण एवं नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण रहा है। उनकी सरलता, संयम और सेवा भावना सभी के लिए प्रेरणादायक है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दादी का जीवन आध्यात्मिक जागृति, सेवा और प्रेम का प्रतीक रहा। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक दिशा दी।

पाकिस्तान के सिंध प्रान्त से भारत भ्रमण पर आए शदाणी दरबार के 300 श्रद्धालु भी आज शांतिवन पहुंचे और उन्होंने दादी को श्रद्धाजंलि अर्पित की।