कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रविवार को शहर के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड मैदान में बड़ी संख्या में लोगों ने एक स्वर में हिंदू धार्मिक ग्रंथ भगवत गीता के श्लोकों का पाठ किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से एक संदेश में इस पहल की सराहना की।
‘लोक्खो कोन्थे गीता पथ’ (एक लाख लोगों द्वारा गीता का पाठ) नाम का कार्यक्रम अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, संस्कृत संघ, मोतीलाल भारततीर्थ सेबा मिशन आश्रम और हिंदू भिक्षुओं व संतों के विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था और विशाल मैदान लगभग क्षमता तक भर गया।
आयोजकों ने दावा किया कि सभा ऐतिहासिक और गैर-धार्मिक थी और लगभग 120,000 लोगों ने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया था। द्वारका के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती, पुरी के जगन्नाथ मंदिर, दैतापति और अन्य संतों ने पश्चिम बंगाल में पहली सभा में भाग लिया। गीता का जाप शुरू होने से पहले, हजारों महिलाओं ने शुभ शगुन का आह्वान करते हुए एक साथ शंख बजाया।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संदेश में कहा कि यह पहल वास्तव में प्रशंसनीय है। मोदी पहले इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन अन्य व्यस्तताओं के कारण उन्होंने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया।
मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की इतनी बड़ी भीड़ द्वारा किए गए पाठ से न केवल सामाजिक सदभाव को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश की विकास यात्रा में भी ऊर्जा का संचार होगा।
प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकाला कि 2047 तक की अवधि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से एक मजबूत विकास और समावेशी भारत के निर्माण के दृष्टिकोण को पूरा करने का एक अवसर है। लोक्खो कोन्थे गीता पथ सभी के लिए शांति और कल्याण लाए, इस प्रयास की सफलता के लिए सभी आयोजकों को शुभकामनाएं।