अजमेर। श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय शिविर का समापन रविवारीय मेले में हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में धाम के मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज के सान्निध्य व सम्भागीय आयुक्त महेश शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ चैरीटैबल ट्रस्ट और फ्रैंड्स ऑफ हैप्पीनैस फाउण्डेशन दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान आयोजित शिविर के समापन वसर पर फाउण्डेशन के मुख्य निदेशक विपिन कुंज, निदेशक रोहित प्रजापति, पंकज रस्तोगी, योगाचार्य जसबीर जसवाल तथा फाउण्डेशन के सदस्य अंकित प्रजापति व अंकुर महेश्वरी ने रविवारीय मेले में आए श्रद्धालुओं व भैरव भक्त मण्डल के सदस्यों को योग का अभ्यास कराया।
सभी ने शरीर व मन को स्वस्थ रखने के लिए सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, सुषमा व्यायाम सहित अन्य प्राणायाम के साथ योग किया। योगाचार्य विपिन कुंज ने श्रद्धालुओं को योग करने के लाभ बताते हुए योगाभ्यास को जीवन की दिनचर्या में शामिल करने का आह्वान किया व जीवन में योग को बढ़ावा देने व प्रतिदिन योग करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
योग प्रकृति का वरदान, जिसने अपनाया वो महान : चम्पालाल महाराज
चम्पालाल महाराज महाराज ने योग का महत्व बताते हुए कहा कि योग प्रकृति का वरदान, जिसने अपनाया वो महान साथ ही महाराज ने नियमित योग करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नित्य योग करने से शरीर में उत्पन्न होन वाली सभी रोग व व्याधियों से मुक्ति मिलती है और मानव शरीर पूर्ण स्वस्थ रहता है। इसलिए सभी को योग प्राणायाम करना चाहिए
प्रशसंनीय राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम : सम्भागीय आयुक्त
योग शिविर के समापन समारोह के मुख्य अतिथि एवं सम्भागीय आयुक्त महेश शर्मा ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आमजन को योग की महत्वता को समझते हुए प्रतिदिन योग करना चाहिए। उन्होंने धाम पर चम्पालाल महाराज द्वारा सामाजिक सरोकार, सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम निसंदेह प्रशंसनीय हैं। इसके अलावा नशा मुक्ति महाअभियान समाजहित का काम है।
प्रवक्ता सेन ने बताया कि धाम पर व्यवस्थापक ओमप्रकाश सेन, रमेश सेन, अविनाश सेन, राहुल सेन, ताराचन्द सेन, कैलाश सेन, विष्णु सेन, ओमप्रकाश सेन, बी एल गोदारा, देवानन्द, कमल शर्मा, यश, वेदान्श मुकेश सेन, मिलन, भव्य, मिताली, वंशिका, प्रकाश रांका, नवल किशोर, अमिताभ, महेन्द्र, भूपेन्द्र, अजय बुढ़ानिया, अनिल कटारिया, कन्हैयालाल, पदम जैन, शंकर मिस्त्री, नीरज सिंहल, रामप्रसाद मोर्य, राजकुमार चावडा आदि मौजूद थे।