टोक्यो। जापान की एक अदालत ने तीन पूर्व सैनिकों को एक महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया है। यह ऐतिहासिक फैसला 24 वर्षीय रीना गोनोई द्वारा 2022 में यूट्यूब पर अपनी आपबीती डालने के बाद सार्वजनिक आक्रोश उत्पन्न होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यानाकर्षित होने के बाद आया है।
फुकुशिमा के अभियोजकों ने अपने पहले के फैसले को पलटते हुए मार्च में तीन लोगों के खिलाफ आरोप लगाए। हालांकि रूढ़िवादी जापान में यौन हिंसा के खिलाफ बोलना अपवाद है और वर्जित बना हुआ है। इस प्रकार की हालांकि अनेक घटनाओं की रिपोर्ट नहीं की जाती है लेकिन हाल के वर्षों में गोनोई, शिओरी इटो की अदालती लड़ाई और जॉनी कितागावा के खुलासे जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों के बाद इस विषय ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया।
गोनोई ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि आज के फैसले से साबित होता है कि उन्होंने जो किया वह अपराध था, इसलिए मैं चाहती हूं कि वे इसका सामना करें और अपने कार्यों पर चिंतन करें। मुझे उम्मीद है कि यह फैसला पीड़ितों को बोलने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
जापान में जून के बाद से यौन उत्पीड़न पर यह पहला बड़ा फैसला है, जब देश ने यौन अपराध कानूनों में बदलाव किया, जिसमें दुष्कर्म को फिर से परिभाषित करना और सहमति की उम्र बढ़ाना शामिल है। यह अदालतों द्वारा कथित हमलावरों को रिहा करने वाले विवादास्पद निर्णयों के बाद वर्षों की सक्रियता का परिणाम है और कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले कानून प्रायः पीड़ितों को बोलने से रोकते थे।
जापान में ह्यूमन राइट्स वॉच के निदेशक काने दोई ने कहा कि हालांकि समाज में अभी भी बहुत सुधार होना बांकि है लेकिन आज का फैसला एक स्वागत योग्य संकेत है कि जापान में यौन हिंसा से पीड़ितों की आवाज अनसुनी नहीं की जाएगी और इस तरह के व्यवहारों के लिए जवाबदेही संभव है।
उन्होंने कहा कि 2021 के एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार लगभग छह प्रतिशत हमले से पीड़ित पुरुष और महिलाएं पुलिस के पास गए, जबकि लगभग आधी महिला उत्तरदाताओं ने कहा कि वे शर्मिंदगी के कारण ऐसा नहीं कर सकीं।
गोनोई ने पहले कहा था कि अगस्त 2021 में उसके तीन सहकर्मियों ने उनका यौन उत्पीड़न किया, उस दौरान लगभग 12 सहकर्मी वहां मौजूद थे लेकिन किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की और उनमें से कुछ हंस भी रहे थे। बाद में उन्होंने इस घटना के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया लेकिन उनकी शिकायत इस आधार पर खारिज कर दी गई कि कोई प्रत्यक्षदर्शी सामने नहीं आया।
बाद में, तीनों आरोपियों को ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (जीएसडीएफ) पुलिस इकाई द्वारा अभद्र व्यवहार के संदेह में अभियोजकों के पास भेजा गया, लेकिन सबूतों के अभाव में मामला वापस ले लिया गया। सुश्री गोनोई ने अंततः सेना छोड़ दी।
उनका यूट्यूब वीडियो पिछले वर्ष वायरल हुआ और उन्होंने रक्षा मंत्रालय से अपने मामले की जांच करने के लिए एक याचिका के लिए एक लाख से ज्याद हस्ताक्षर एकत्रित किए थे। मंत्रालय ने बाद में उनसे माफी मांगी और सहन जांच शुरू की, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय में उत्पीड़न की 100 से ज्यादा अन्य शिकायतें प्राप्त हुई।
गोनोई ने कहा कि वह इस घटना से पहले भी लगातार यौन उत्पीड़न का सामना करती रही हैं। उन्होंने पांच अपराधियों और जापानी सरकार के खिलाफ एक नागरिक मुकदमा भी दायर किया है, जिसमें उन्हें मानसिक उत्पीड़न के लिए पुरुषों से 5.5 मिलियन येन ( 40,000 डॉलर) की मांग है, और दुर्व्यवहार रोकने में विफल रहने के लिए सरकार से अतिरिक्त दो मिलियन येन की मांग की है।
गोनोई को 2023 नें दुनिया की प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं की बीबीसी 100 महिलाओं की सूची में शामिल किया गया और वह टाइम 100 नेक्स्ट 2023 सूची में भी शामिल हुई।