नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि संघ को सिर्फ दिमाग लगा कर नहीं समझा जा सकता है बल्कि इसके लिए दिल भी होना चाहिए।
दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के संस्थापक और प्रथम सरसंघचालक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार की जीवनी मैन ऑफ द मिलेनिया: डाॅ. हेडगेवार के विमोचन के अवसर पर शुक्रवार शाम को आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संघ की आधारशिला रखने वाले डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी एक समग्र राष्ट्रीय सोच वाले व्यक्ति थे। राष्ट्रभक्ति की भावना उनके अंदर जन्मजात थी। राष्ट्र के लिए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। आज की पीढ़ी उनकी देशभक्ति और राष्ट्रीय विचारों से प्रेरणा लेती है।
इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एस अब्दुल नजीर मुख्य अतिथि थे। सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के मूल मराठी लेखक नाना पालकर थे जिसका अंग्रेजी में अनुवाद स्वर्गीय डॉक्टर अनिल नैने ने किया है।
सरकार्यवाह ने कहा कि डॉक्टर साहब ने जिस विचारधारा से संघ खड़ा किया आज दुनिया के अनेक संस्थान उसका अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए संघ को दूर से नहीं बल्कि नजदीक से देखिए, समझ में आए तो रहो वरना चले जाओ। संघ को समझने के लिए व्यक्ति को दिमाग के साथ दिल की भी जरूरत पड़ती है क्योंकि इसके कार्यकर्ता राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ कार्य करते हैं।
होसबाले ने कहा कि यह पुस्तक डॉक्टर साहब के संपूर्ण जीवन और उनकी कार्यशैली को समझने के लिए बहुत मह्तवपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर साहब ने संघ में ‘मैं’ नहीं ‘हम’ की परंपरा का विकास किया और एक ऐसी टीम खड़ी की जिसकी पहली प्राथमिकता और कार्यशैली में समाज उत्थान, राष्ट्रीय स्वाभिमान और व्यक्ति निर्माण शामिल था। डॉक्टर साहब ने संघ की स्थापना के उपरांत कहा कि यदि मेरे अंदर कोई दोष दिखाई दे तो मेरे स्थान पर अन्य व्यक्ति का चुनाव आप कर सकते हैं। मैं उनके साथ भी इसी राष्ट्रीय भावना के साथ काम करूंगा।
होसबाले ने कहा कि डॉक्टर हेडगेवार सयंमी, धैर्यवान, समर्पित, संवेदनशील और समाज के मनोविज्ञान को समझने वाले व्यक्तित्व के धनी थे। मुख्य अतिथि आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने जिस संगठन की नींव रखी थी आज सारी दुनिया उसके कामों से प्ररेणा ले रही है।