राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सत्यनारायण की श्रद्धांजलि सभा
जयपुर। एक सच्चा स्वयंसेवक नियमित शाखा के साथ कोई समझौता नहीं करता। दिवंगत वरिष्ठ प्रचारक सत्यनारायण ने इस बात को न केवल जीवन में कठोरता से अपनाया, अपितु अपने से जुड़ने वाले हर स्वयंसेवक को भी इस बात को दिनचर्या में धारण करने के लिए प्रेरित किया।
यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के आमंत्रित सदस्य शंकर लाल ने गुरुवार को यहां संघ के वरिष्ठ प्रचारक सत्यनारायण की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही। उनका मंगलवार रात्रि को निधन हो गया था। वे 91 वर्ष के थे। गत दो माह से अस्वस्थ थे। सवाई मानसिंह अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। बुधवार को चांदपोल मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
गुरुवार शाम अंबाबाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ प्रचारक शंकर लाल ने दिवंगत सत्यनारायण को संघ की रीति-नीति का अनथक वाहक बताते हुए कहा कि संघ स्थान पर कोई नहीं भी आए तब भी वे अकेले ही सिटी बजाकर एक घंटे की शाखा के निर्धारित नियमित कालांश अवश्य पूरे करते थे। वे निर्मोही, नितरागी थे। किसी कार्यकर्ता को कभी नाराज नहीं किया। वे जहां रहे अपने व्यवहार की एक छाप छोड़ी। जो भी उनसे एक बार मिला, वह उनका अनुरागी हो गया। सबके लिए उनका जीवन एक आदर्श के रूप में रहा है।
श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल ने कहा कि दिवंगत वरिष्ठ प्रचारक सत्यनारायण से उनका परिचय वस्तुभंडार का दायित्व मिलने के बाद प्रगाढ़ होता गया। एक संघ प्रचारक सनातन संस्कृति की ऋषि परम्परा का ही वाहक रूप होता है, सत्यनारायण इसी प्रचारक परंपरा के मोती थे। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार के संकल्पों के लिए भारत माता के कई पुत्रों ने स्वयं को समर्पित किया है। लाखों स्वयंसेवक गृहस्थ होकर भी भारतमाता की सेवा में समर्पित हैं।
श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, जयपुर प्रांत प्रचारक बाबूलाल, प्रांत कार्यवाह गेंदालाल, प्रांत सह संघचालक हेमंत सेठिया, रेवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य, संत व भजन गायक प्रकाश दास महाराज सहित संघ के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं गणमान्य नागरिकों ने दिवंगत वरिष्ठ प्रचारक को पुष्पांजलि अर्पित की।