बेंगलूरु। कर्नाटक में हासन के मौजूदा सांसद व जनतादल-एस के पूर्व नेता प्रज्वल रेवन्ना ने यौन शोषण के बढ़ते आरोपों के बीच अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।
कई महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोपी प्रज्वल ने बुधवार को आरोपों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) बेंगलूरु को अपने कानूनी प्रतिनिधि के माध्यम से एक बयान के माध्यम से अपना रुख बताया।
प्रज्वल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहाकि चूंकि मैं पूछताछ में शामिल होने के लिए बेंगलूरु में नहीं हूं, इसलिए मैंने अपने वकील के माध्यम से सीआईडी बेंगलूरु को सूचित किया है। सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।
जद-एस द्वारा अश्लील वीडियो मामले में कथित संलिप्तता को लेकर प्रज्वल को निलंबित किए जाने के बाद यह प्रतिक्रिया आई है। इस मामले में प्रज्वल के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच के मद्देनजर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के दौरान उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया गया।
उनकी पूर्व नौकरानी द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर प्रज्वल पर 28 अप्रैल को औपचारिक रूप से कथित यौन उत्पीड़न का आरोप दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ आरोपों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए, 354डी, 506 और 509 शामिल हैं, जिसमें यौन उत्पीड़न, धमकी और एक महिला की गरिमा के उल्लंघन से संबंधित अपराध शामिल हैं।
शिकायत के मुताबिक पीड़िता ने प्रज्वल और उनके पिता एचडी रेवन्ना दोनों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि जब उसकी पत्नी उनके आवास पर मौजूद नहीं थी तो प्रज्वल ने अनुचित कदम उठाए और यौन दुर्व्यवहार किया।
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने सांसद रेवन्ना के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। आईपीएस अधिकारी विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में डीजी सीआईडी सुमन डी पेनेकर और आईपीएस अधिकारी सीमा लाटकर सहित एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है।