अजमेर। शहीद उधम सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों में से एक थे। उनका साहस, निष्ठा और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे एक कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे और जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए वे 21 वर्ष तक अपने उद्देश्य पर टिके रहे और संघर्ष किया।
यह बात राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने उधम सिंह जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम की शुरुआत में भालेराव ने उधम सिंह की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की।
कुलपति भालेराव ने कहा कि उधम सिंह द्वारा जनरल डायर को गोली मारने पर लंदन टाइम्स ने उनको द फाइटर ऑफ फ्रीडम बताया था, रोम के एक न्यूज़ पेपर ने भी उधम सिंह को साहसी व्यक्ति बताया था। शहीद उधम सिंह ने 51 वर्ष की आयु तक बहुत संघर्ष किया था। उधम सिंह के जीवन से हमें न केवल देशभक्ति की सीख मिलती है, बल्कि यह भी प्रेरणा मिलती है कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए उधम सिंह के जीवन का क्षण-क्षण प्रेरणादायी है। स्वतंत्रता संग्राम में हजारों लोगों ने अपने प्राणों को विसर्जित किया है, ऐसे अनेक क्रांतिकारियों के कारण ही हमें स्वतंत्रता मिली है।
भालेराव ने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि हम इन क्रांतिकारियों से प्रेरणा लें, जो यह सिखाते हैं कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थितियां हों, मातृभूमि का स्थान सदैव सर्वोपरि होना चाहिए। नमक सत्याग्रह का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज हम जो स्वतंत्रता और अधिकार भोग रहे हैं, वह इन क्रांतिकारियों के संघर्ष और बलिदान का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में जयंती मनाने की परंपरा इसलिए प्रारंभ की गई है ताकि हम इन महान विभूतियों के जीवन और आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने शहीद उधम सिंह की प्रतिमा के सामने पुष्पांजलि अर्पित की। अंत में कुलसचिव अमरदीप शर्मा ने उधम सिंह के बलिदान को नमन करते हुए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन जनसम्पर्क अधिकारी अनुराधा मित्तल ने किया।