भीलवाड़ा। राजस्थान में भीलवाड़ा की अदालत में सोमवार को पेशी के दौरान एक बंदी द्वारा जज (मजिस्ट्रेट) पर चप्पल फैंकने का मामला सामने आया। कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी को तत्काल हिरासत में ले लिया है।
सूत्रों के अनुसार चोरी के एक मामले में पिछले तीन साल से जेल में बंद इस्माइल खान नामक बंदी को आज अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) न्यायालय में पेश करने के लिए लाया गया था। जब पुलिस जाप्ता उसे अदालत में पेश करने के लिए एसीजेएम रूपेंद्र सिंह के समक्ष ले गया तब सुनाई के दौरान अचानक आरोपी इस्माइल खान ने पैर से चप्पल निकाल कर मजिस्ट्रेट पर फेंक दी।
गनीमत यह रही की चप्पल मजिस्ट्रेट को नहीं लगी और उनके पास से निकल गई। अचानक हुई इस घटना से हड़कंप मच गया और पुलिस हक्की पक्की रह गई। पुलिस जवानों ने तत्काल आरोपी को पकड़ लिया।
सूचना मिलते ही शहर कोतवाल राजपाल राठौर भी न्यायालय में पहुंचे और आरोपी को पकड़ कर हिरासत में कोतवाली ले आए। न्यायिक मजिस्ट्रेट रूपेंद्र सिंह की ओर से आरोपी इस्माइल खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सोनोग्राफी निजी लैब से कराने को लेकर अस्पताल में हंगामा
भीलवाड़ा के बड़े सरकारी महात्मा गांधी अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा होने के बावजूद बाहरी लैबों से जांच कराने के लिए मरीजों पर दबाव बनाने को लेकर सोमवार को हिंदू संगठन ने हंगामा किया।
सूत्रों ने बताया कि महात्मा गांधी अस्पताल में मशीनें हैं, लेकिन यहां की रिपोर्ट चिकित्सक मानने को तैयार नहीं है और मरीजों को बाहर लैब का रास्ता दिखा दिया जाता है। अस्पताल में सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, रक्त की जांचें ज्यादातर बाहर से ही कराई जाती हैं।
इस तरह की शिकायत मिलने पर सोमवार को एक हिंदू संगठन के कई पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और वहां हंगामा किया और मांग की कि अस्पताल में होने वाली जांचें बाहर से कराने वाले चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस पर अस्पताल अधीक्षक अरुण गौड़ ने मामले की निष्पक्ष जांच कराके दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ।