नई दिल्ली। सरकार ने किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ ही महिलाओं के लिए तोहफा तथा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के अतिरिक्त वेतनभोगियों को मानक छूट में बढ़ोतरी देकर राहत देते हुए मंगलवार को पेश आम बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर दर्शायी है। नई कर व्यवस्था में मानक छूट बढ़ाई गई है जबकि पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बजट में बदलती अर्थव्यवस्था की जरूरतों के लिए क्षेत्रवार महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर काम करने की योजना के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी दलों द्वारा शासित बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को बड़ी पूंजीगत सहायता आवंटित की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रोजकोषीय मजबूती के लिए घोषित योजना पर कायम रहते हुए चालू वित्त वर्ष में 48.21 लाख करोड़ रुपए के व्यय की व्यवस्था की है जिसमें पूंजीगत व्यय को 11.11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखते हुए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वित्त मंत्री ने केन्द्र में लगातार तीसरी बार बनी मोदी सरकार का पहला और अपना सातवां बजट पेश करते हुए कहा कि अंतरिम बजट में, हमने विकसित भारत के हमारे लक्ष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करने का वादा किया था। अंतरिम बजट में निर्धारित कार्यनीति के अनुरूप, इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए नौ प्राथमिकताओं के संबंध में सतत् प्रयासों की परिकल्पना की गई है। इन नौ प्राथमिकताओं में कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है।
उन्होंने कहा कि आयकर की नई कर व्यवस्था लोकप्रिय हो रही है और अब इसके तहत वेतनभोगियों के लिए मानक छूट को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए तथा पारिवारिक पेंशन की आय पर इस छूट को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए की जा रही है। नई कर व्यवस्था में कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है- शून्य से तीन लाख रुपए तक शून्य, तीन से सात लाख रुपए तक को पांच प्रतिशत कर, सात से 10 लाख रुपए तक 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए तक 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपए से अधिक पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान किया गया है। सीतारमण ने कहा कि इन संशोधनों के परिणामस्वरूप, नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में 17,500 तक कर लाभ होगा। दो तिहाई व्यक्तिगत आय करदाता अब नई कर व्यवस्था को अपना रहे हैं।
उन्होंने शेयर बाजारों में अत्यधिक तेजी को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं के बीच पूंजीगत लाभ पर और बाजार से संबंधित कुछ अन्य करों में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिससे शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। बजट में सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से कम कर छह प्रतिशत कर दिया गया है। कुछ विशिष्ट उपयोग के लिए आयातित इस्पात पर शुल्क को घटाया है। इसी तरह से इलेक्ट्राॅनिक समान, मोबाइल फोन आदि के कलपुर्जाें के आयात शुल्क में कटौती की गई है। सरकार ने कैंसर की तीन दवाओं को आयात शुल्क से मुक्त कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम बजट को समाज के हर वर्ग के लिए बेहतर अवसर, नई ऊर्जा एव उज्ज्वल भविष्य लाने वाला करार दिया है और कहा है कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की प्रक्रिया में उत्प्रेरक का काम करेगा, विकसित भारत की एक ठोस नींव रखेगा जबकि विपक्ष विशेषकर कांग्रेस ने इसको कुर्सी बचाए रखने के लिए गठबंधन के सहयोगियों की बात मानकर उन्हें खुश करने वाला बजट करार दिया और कहा कि इसमें कांग्रेस के न्याय एजेंडे की नकल का विफल प्रयास किया गया है।
उद्योग जगत ने बजट के प्रस्तावों का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए देश की सफल आर्थिक रणनीति को निरंतरता प्रदान करने वाला है।
बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा के वजाय कुछ विशेष पैकेज देने का प्रावधान भी किया गया है। राजग सरकार में महत्वपूर्ण घटक जनता दल-यू तथा तेलुगु देशम पार्टी (तेदपा) को खुश करने लिए बिहार तथा आंध्र प्रदेश को विशेष सौगात दी गयी है। आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपये तथा बिहार के लिए 47 हजार करोड़ रुपए के पैकेज देने का प्रावधान किया गया है। बिहार तथा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जैसे अंतरिम बजट में बताया गया है, हमें चार अलग-अलग जातियों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। किसानों के लिए, हमने वादे को पूरा करते हुए सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की है। लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ। वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे दो लाख करोड़ रुपए के केंद्रीय परिव्यय के साथ पांच वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए पांच योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है।
शिक्षा ऋण पर उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आगामी बजटों को इनके आधार पर तैयार किया जाएगा और नई प्राथमिकताओं एवं कार्यों को शामिल किया जाएगा। आर्थिक नीति फ्रेमवर्क के भाग के रूप में एक अधिक विस्तृत व्यवस्था बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बजट में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के 1.52 लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में रोजगार सृजन, कौशल विकास और अन्य अवसरों के लिए दो लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने देश की आधी आबादी (महिलाओं) के लिए खास सौगात देते हुये बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस किया है और महिलाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार ने बजट में तीन लाख करोड़ का आवंटन किया है।
केंद्र सरकार ने 20 लाख युवतियों को कौशलयुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं और महिलाओं को पीएफ में एक महीने का वेतन देने का एलान किया है। कामकाजी महिलाओं को नौकरी के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने कार्यस्थल पर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच बनाने की योजना पर विशेष जोर देने का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए सालाना करने की योजना है। वायदा एवं विकल्प प्रतिभूतियों के मामले में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। शेयर पुनर्खरीद से होने वाली आय पर कर लगेगा। कर विवाद कम करने के लिए सरकार विवाद से विश्वास योजना 2024 लाने की तैयारी कर रही है। बजट में स्टार्टअप पर लगने वाला एंजेल कर को समाप्त करने की घोषणा की गयी है। विदेशी कंपिनयों पर कार्पोरेट कर को 40 प्रतिशत से कम कर 35 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है।
किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च पैदावार और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। देशभर में एक करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग से प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन दिया जाएगा। कृषि संबंधी योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए 10 हजार जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किये जाएंगे। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा।
दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी। सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों ‘आत्मनिर्भरता’हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है। प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
सीतारमण ने कहा कि अगले पांच वर्ष के लिए प्रधानमंत्री पैकेज में दो लाख करोड़ रुपए के आवंटन से रोजगार के लिए तीन योजनायें शुरु होंगी। इनसे तीन करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। इनमें तीन योजनाओं को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से लागू किया जाएगा। ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को एक माह के वेतन का 15 हजार रुपए तक की तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार पाने के पहले चार वर्षों में उनके ईपीएफओ योगदान के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक उनके प्रतिमाह तीन हजार रुपए तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए कामगार के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम 15,000 रुपए होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा एक लाख रुपये का मासिक वेतन होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।
उन्होंने कहा कि योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में एक प्रोत्साहन दिया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। एक लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं के ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें दो वर्षों तक 3000 रुपए प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।
उन्होंने कहा कि बजट में उधारी और कुल खर्च की तुलना में कुल प्राप्तियां क्रमशः 32.07 लाख करोड़ और 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। कुल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2024-25 के दौरान सकल और कुल बाजार उधारी क्रमशः 14.01 लाख करोड़ और 11.63 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि 2021 में वित्तीय सशक्तिकरण के लिए घोषित उपाय हमारी अर्थव्यवस्था में अच्छी तरह से योगदान दे रहे हैं, और अगले साल तक सरकार का लक्ष्य रोजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे ले जाने का है। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। वित्त वर्ष 2026-27 के बाद राजकोषीय घाटे को कम करने के प्रयास इस तरह किए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार का ऋण जीडीपी के प्रतिशत तक कम हो जाए।
सीतारमण ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता हुआ सितारा बना हुआ है। उन्होंने बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि कराधान को सरल बनाने की कोशिश की गई है। करदाता आधार बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। भारत में कारेाबारी सुगमता के लिए विदेशी कंपनियों पर कार्पोरेट कर में कमी की गई है।
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बजट में एक करोड़ शहरी आवास के लिए दस लाख करोड़ रुपए का प्रावधान